गुजरात में भाजपा सरकार को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने रद्द किया मंत्री का चुनाव
क्या है खबर?
मंगलवार को गुजरात की भाजपा सरकार को एक बड़ा झटका लगा। गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य के शिक्षा मंत्री और कद्दावर भूपेन्द्र सिंह चूड़ासमा का चुनाव रद्द कर दिया। 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में धोलका सीट से जीत दर्ज करने वाले चूड़ासमा के चुनाव को उनके प्रतिद्वंद्वी अश्विन राठौड़ ने चुनौती दी थी।
कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले राठौड़ ने चूड़ासमा पर मतगणना के दौरान धांधली करके जीत दर्ज करने का आरोप लगाया था।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में धोलका सीट पर चूड़ासमा और कांग्रेस के अश्विन राठौड़ के बीच बेहद नजदीकी मुकाबला हुआ था और चूड़ासमा मात्र 327 वोट के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे।
राठौड़ ने इस नतीजे के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में चुनाव याचिका (EP) दायर की थी और निर्वाचन अधिकारी और धोलका के डिप्टी कलेक्टर धवल जानी पर मतगणना की प्रक्रिया में धांधली करके चूड़ासमा को विजेता घोषित करने का आरोप लगाया था।
जानकारी
जानी ने रद्द किए थे 429 पोस्टल बैलेट वोट
मतगणना के दौरान जानी ने 429 पोस्टल बैलेट वोटों को रद्द कर दिया। राठौड़ ने आरोप लगाया कि इसके लिए जानी ने उचित प्रक्रिया का प्रयोग नहीं किया था और अगर ये वोट मतगणना में शामिल होते तो वे जीत सकते थे।
सुनवाई
सुनवाई में आया सामने, जानी ने किया था नियमों का उल्लंघन
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि मतगणना के दौरान जानी ने नियमों का जमकर उल्लंघन किया था। कोर्ट में चलाई गई मतगणना केंद्र की वीडियो फुटेज में जानी को केंद्र के अंदर फोन पर बात करते हुए देखा गया था जो नियमों के विरुद्ध है।
इसके अलावा चूड़ासमा के सहायक निजी सचिव धर्मिन मेहता को भी गैरकानूनी तरीके से मतगणना केंद्र के अंदर घूमते हुए देखा गया था।
फटकार
पूरी फुटेज ने देने के लिए हाई कोर्ट ने लगाई थी जानी को फटकार
वीडियो में मेहता को एक फोन के साथ घूमते हुए और चूड़ासमा के आधिकारिक पोलिंग एजेंट महेंद्र सिंह मंडोरा के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया था।
इसके अलावा जानी को ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि वह 'ऑफ द रिकॉर्ड' परिणाम घोषित करने जा रहे हैं।
शुरूआती सुनवाई में हाई कोर्ट ने जानी को मतगणना केंद्र के CCTV और अन्य कैमरों की सभी फुटेज प्रदान न करने के लिए फटकार भी लगाई थी।
विवाद
हाई कोर्ट जज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे चूड़ासमा
चूड़ासमा मामले में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए थे और एक याचिका दायर करते हुए हुए हाई कोर्ट जज परेश उपाध्याय पर आरोप लगाए थे। होई कोर्ट ने इसके लिए उन्हें तलब किया और उन्होंने कोर्ट में आकर अपने इस व्यवहार के लिए माफी मांगी।
73 सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 10 फरवरी, 2020 को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था और आज जस्टिस उपाध्याय ने चूड़ासमा का चुनाव रद्द करने का फैसला सुनाया।
बयान
फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे चूड़ासमा
हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चूड़ासमा ने कहा कि वह फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश अध्य और राष्ट्रीय नेताओं से चर्चा के बाद मामले में कानूनी अपील की जाएगी।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट करते हुए चूड़ासमा की जीत को असंवैधानिक बताया और कहा कि उन्होंने गलत तरीके से चुनाव जीता था। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने सत्यमेव जयते लिखा।