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जम्मू-कश्मीर: गुपकर गठबंधन की मांग- चुनाव कराने से पहले बहाल किया जाए राज्य का दर्जा
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग

जम्मू-कश्मीर: गुपकर गठबंधन की मांग- चुनाव कराने से पहले बहाल किया जाए राज्य का दर्जा

Jul 05, 2021
03:25 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद अपने पहले बयान में गुपकर गठबंधन ने चुनाव कराने से पहले जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और इसके बाद ही यहां विधानसभा चुनाव होने चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में भी बांट दिया था।

बैठक

गुपकर गठबंधन के नेताओं ने की श्रीनगर में बैठक

जम्मू-कश्मीर की सात स्थानीय पार्टियों के गुपकर गठबंधन ने ये बयान श्रीनगर में एक अहम बैठक के बाद जारी किया। इस बैठक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत गठबंधन के सभी नेता शामिल हुए। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक के नतीजों पर निराशा व्यक्त की और कहा कि विश्वास बहाली के लिए कश्मीर में राजनीतिक बंदियों को छोड़ने जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।

महत्वपूर्ण बैठक

24 जून को प्रधानमंत्री ने की थी जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 जून को दिल्ली स्थित अपने आवास पर जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में गुपकर गठबंधन समेत जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बैठक में केंद्र सरकार ने पार्टियों से परिसीमन (सीमाएं निर्धारित करना की) प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने में मदद करने की अपील की, ताकि इसके बाद विधानसभा चुनाव कराए जा सकें। इस प्रक्रिया के लिए जल्द ही एक कमीशन जम्मू-कश्मीर आएगी।

आश्वासन

प्रधानमंत्री ने दिया था राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन

बैठक में जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों ने एक सुर में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की थी। कांग्रेस ने कहा था कि इसका वादा संसद में भी किया जा चुका है। इन मांगों पर प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टियों को आश्वासन दिया था कि वे जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, हालांकि ये उचित समय पर किया जाएगा और अभी इसका समय नहीं आया है।

सुलह का प्रयास

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं और केंद्र की पहली वार्ता

बता दें कि अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व और केंद्र सरकार के बीच पहली वार्ता थी। इस फैसले के बाद से ही यहां राजनीतिक प्रक्रिया ठप पड़ी है। हाल ही में यहां जिला स्तर के चुनाव हुए थे जिसके बाद अब विधानसभा चुनाव की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस वार्ता के जरिए सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना चाहती थी कि कश्मीर में चीजें सामान्य हो रही हैं।

चुनाव

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में हुए थे चुनाव

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार दिसंबर, 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे और तब यह एक राज्य हुआ करता था। भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के गठबंधन की सरकार गिरने के बाद जून, 2018 में यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। अगस्त, 2019 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 में बदलाव कर राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में बांट दिया गया।