वित्त मंत्री की कुर्सी तक पहुंचे 2 बडे़ नेता, लेकिन कभी पेश नहीं कर पाए बजट
क्या है खबर?
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। इस बीच मंगलवार (23 जुलाई) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 7वीं बार लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी।
भारत के इतिहास में कई वित्त मंत्री रहे, जिन्होंने लगातार आम बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया, लेकिन 2 ऐसे वित्त मंत्री भी इस सूची में हैं, जो वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभालते हुए कभी बजट पेश नहीं कर पाए थे।
इसमें एक केसी नियोगी और दूसरे एचएन बहुगुणा हैं।
बजट
36 दिन के लिए वित्त मंत्री बने थे केसी नियोगी
क्षितिज चंद्र नियोगी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में 18 अगस्त, 1948 को वित्त मंत्रालय का काम संभाला था और 22 सितंबर, 1948 तक इस पद पर रहे थे।
महज 36 दिन वित्त मंत्री का कामकाज संभालने के कारण वह बजट नहीं पेश कर पाए थे। उन्होंने आरके शणमुखम चेट्टी का स्थान लिया था।
36 दिन बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, तब जॉन मथाई वित्त मंत्री बने, जो एक साल 252 दिन पद पर रहे।
कामकाज
हेमवती नंदन बहुगुणा 83 दिन के लिए बने थे वित्त मंत्री
इस सूची में दूसरा नाम हेमवती नंदन बहुगुणा का है, जो लखनऊ से सांसद थे। उन्होंने उस दौर में वित्त मंत्री की जिम्मा संभाला, जब देश में जनता पार्टी की सरकार डगमगा रही थी।
बहुगुणा को चौधरी चरण सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री बनाया गया। वह 28 जुलाई, 1979 से 19 अक्टूबर, 1979 तक मात्र 83 दिन के लिए पद पर बैठे।
बहुगुणा के इस्तीफा देने के बाद चरण सिंह ने 87 दिन के लिए पद संभाला था।
जानकारी
कुछ और मंत्रियों का भी छोटा रहा था कार्यकाल
वित्त मंत्री के रूप में कई नेताओं का कार्यकाल 2 से 12 दिन का रहा, उन्होंने उस समय बजट पेश नहीं किया, लेकिन दूसरी या तीसरी बार वित्त मंत्री बनने पर उन्होंने बजट पेश किया। इसमें मोरारजी देसाई, वीपी सिंह और जसवंत सिंह शामिल हैं।