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वह क्या है जो किसी को 'कूल' बनाता है? वैज्ञानिकों ने अध्ययन के जरिए लगाया पता

वह क्या है जो किसी को 'कूल' बनाता है? वैज्ञानिकों ने अध्ययन के जरिए लगाया पता

लेखन सयाली
Jul 06, 2025
01:06 pm

क्या है खबर?

हम सभी आए दिन सुनते रहते हैं कि 'वह व्यक्ति कितना कूल है' या 'उसके कपड़े कितने कूल हैं'। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि असल में 'कूल' लोग होते कौन हैं? ऐसी क्या चीजें या खासियत होती हैं, जो उन्हें कूल बना देती हैं? इन सवालों के जवाब एक नए अध्ययन में मिले हैं। इस अध्ययन की मदद से वैज्ञानिकों ने वो गुण पहचान लिए हैं, जिनके जरिए कोई व्यक्ति समाज की नजरों में कूल बन जाता है।

अध्ययन

वैज्ञानिकों ने बताए कूल होने के 6 गुण

इस अध्ययन को अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया। इसका नेतृत्व चिली स्थित यूनिवर्सिडैड एडोल्फो इबनेज में मार्केटिंग के एसोसिएट प्रोफेसर टॉड पेजुटी ने किया। इसमें अलग-अलग देशों के लोगों को शामिल किया गया, जिनकी संस्कृति एक दूसरे से भिन्न हैं। हालांकि, इस अध्ययन से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग कूल होने का एक ही अर्थ निकालते हैं। वैज्ञानिकों ने कुल 6 विशेषताओं का खुलासा किया है, जो किसी व्यक्ति को कूल बनाती हैं।

प्रक्रिया

अध्ययन में शामिल थे 6,000 लोग

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 12 देशों के लगभग 6,000 प्रतिभागियों को शामिल किया था। इसमें 2018 और 2022 के बीच अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चिली, चीन, जर्मनी, भारत, मैक्सिको, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और तुर्की में किए गए प्रयोग शामिल थे। प्रतिभागियों से किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचने को कहा गया था, जो उनके अनुसार अच्छा, बुरा, कूल या बोरिंग हो। इसके बाद सभी ने उस व्यक्ति के व्यक्तित्व और मूल्यों का मूल्यांकन किया।

कूल

क्या होते हैं कूल होने के 6 गुण?

विश्लेषण से पता चला, 'अच्छे' लोगों को अनुरूप, पारंपरिक, सुरक्षित, सहमत, सार्वभौमिक, कर्तव्यनिष्ठ और शांत माना जाता है। वहीं, कूल लोगों को मिलनसार (एक्सट्रोवर्ट), खुशहाल, शक्तिशाली, खुला, स्वायत्त (ऑटोनोमस) और साहसी पाया गया। अध्ययन के सह-प्रमुख शोधकर्ता कैलेब वॉरेन ने कहा, "कूल लोगों में अन्य गुण होते हैं, जिन्हें नैतिक दृष्टि से 'अच्छा' नहीं माना जाता। इनमें सुखवादी और शक्तिशाली होना शामिल है।" पेजुटी ने कहा, "समय के साथ कूलनेस विकसित हुई है, लेकिन इसमें बहुत बदलाव नहीं आए हैं।"

मतलब

कैसे शुरू हुआ था 'कूल' शब्द का इस्तेमाल?

कूल होने की अवधारणा विद्रोही उप-संस्कृतियों में शुरू हुई थी। 1940 के दशक में ब्लैक जैज संगीतकार और 1950 के दशक में बीटनिक ने इसे प्रसिद्ध किया था। 'स्प्रेजातुरा' एक इतालवी शब्द है, जिसे पहली बार 1528 में बाल्डासारे कास्टिग्लियोन द्वारा इस्तेमाल किया गया था। इसे निश्चित लापरवाही, कला को छुपाने और किसी की बात को बिना प्रयास के प्रकट करने के रूप में परिभाषित किया गया था। लोग मानते हैं कि यह शब्द कूल का सही विवरण है।

फैशन

फैशन और फिल्मों से भी लोग सीखते हैं कूल बनना

कई लोग फैशन, आदतों और स्टाइल को भी कूल होने से जोड़ते हैं। लेस्टर यंग नामक संगीतकार ने चीजों को कूल बुलाना शुरू किया था और जल्द ही यह उनके प्रशंसकों का पसंदीदा शब्द बन गया था। जैसे-जैसे फैशन, संगीत और फिल्म उद्योगों की पहुंच दुनियाभर में बढ़ रही है, वैसे-वैसे कूल का मतलब वैश्विक स्तर पर समान होता जा रहा है। रिहाना को ज्यादातर लोग कूल मानते हैं, जो दुनिया की सबसे मशहूर गायिका में से एक हैं।