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क्या है AQI और PM लेवल, जिससे वायु की गुणवत्ता मापी जाती है?
हवा में प्रदूषण

क्या है AQI और PM लेवल, जिससे वायु की गुणवत्ता मापी जाती है?

Nov 27, 2021
11:18 am

क्या है खबर?

सर्दियों का मौसम आते ही कई शहरों की हवा काफी जहरीली हो जाती है। ऐसे में आपको अक्सर AQI और PM स्तर के बारे में सुनने को मिलता होगा। दरअसल, हवा की शुद्धता को मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी की AQI का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही हवा में घुले जहरीले और मिट्टी के कणों को मापने के लिए PM2.5 और PM10 का इस्तेमाल होता है। आइए इनके बारे में जानें।

AQI

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स?

हवा की शुद्धता मापने के लिए AQI का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक इकाई है, जिसके आधार पर पता चला जाता है कि उस स्थान की हवा कितनी साफ है। इसमें अलग-अलग कैटेगरी होती है, जिससे समझा जाता है कि उस स्थान की हवा में कितना प्रदूषण है। दरअसल, AQI में आठ प्रदूषक तत्वों को देखा जाता है कि उनकी मात्रा कितनी है। जिसके आधार पर एक नंबर दिया जाता है। जितना ज्यादा नंबर, उतनी ज्यादा अशुद्ध हवा।

तरीका

कैसे मापता है वायु की गुणवत्ता?

वायु की गुणवत्ता मापने के लिए AQI में आठ प्रदूषक तत्वों का परीक्षण किया जाता है। अगर इनकी मात्रा सीमा से ज्यादा है तो हवा का स्तर खराब है। ये आठ तत्व इस प्रकार हैं- PM10, PM2.5, NO2 (नाइट्रोजन ऑक्साइड), SO2 (सल्फर ऑक्साइड), CO2 (कार्बन ऑक्साइड), O3 (ओजोन का उत्सर्जन), NH3 (अमोनिया) और Pb (सीसा) इंडेक्‍स यह बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है। सभी एक तरह की जहरीली गैस या अशुद्ध कण हैं।

कैटेगरी

कई कैटेगरी में बटा है AQI

AQI को स्तर और रीडिंग के हिसाब से छह कैटेगरी में बांटा गया है। 0-50 के बीच AQI का मतलब अच्छा यानि वायु शुद्ध है। 51-100 के बीच मतलब वायु की शुद्धता संतोषजनक है। 101-200 के बीच 'मध्यम 201-300 के बीच 'खराब' 301-400 के बीच 'बेहद खराब' 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी इसकी रीडिंग के आधार पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते हैं।

धूल के कण

आखिर क्‍या है PM10 और PM2.5?

PM2.5 या PM10, हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के बारे में बताते हैं। PM2.5 सबसे छोटे वायु कणों में से हैं। इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है। अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये आसानी से हमारे शरीर में चले जाते हैं। PM10 कणों को रेस्पॉयरेबल पर्टिकुलेट मैटर भी कहा जाता है। ये कण फैक्ट्रियों या निर्माण कार्यों से निकलते हैं। प्रदूषण की समस्या को गंभीर बनाने में PM2.5 और PM10 कणों की भूमिका अहम होती है।

सूक्ष्म कणों को मापना

हवा में PM10 और PM2.5 को मापना

हवा में धुल के कणों को मापने के लिए सरकार ने जगह-जगह मीटर लगा रखे हैं। इन मीटरों से हर तत्व का सही पता उसके घंटों के आधार पर लगता है। जैसे कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा के लिए छह घंटे लगते हैं। कणों को मापने के लिए घंटों एक स्थान पर मीटर रखकर उनका पता लगाया जाता है। PM10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्‍यूबिक मीटर है। वहीं PM2.5 का सामान्य लेवल 60 माइक्रो ग्राम क्‍यूबिक मीटर होता है।