जापान में शुरु हो गया है चेरी ब्लॉसम का मौसम, एक बार देखने जरूर जाएं
क्या है खबर?
वसंत का मौसम शुरू होने के साथ ही जापान की सड़कें गुलाबी और सफेद फूलों से ढक जाती हैं। इन फूलों को चेरी ब्लॉसम नाम से जाना जाता है, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।
यह फूल सकूना नाम के पेड़ पर उगते हैं और इनका मौसम मार्च से लेकर अप्रैल तक रहता है। प्रकृति के इस खूबसूरत नजारे को देखने हर साल हजारों पर्यटक जापान का रुख करते हैं।
चेरी ब्लॉसम देखना आपकी यात्रा को भी यादगार बना देगा।
जगह
आप कहां देख सकते हैं चेरी ब्लॉसम?
जापान में चेरी ब्लॉसम की सबसे आम प्रजाति 'सोमेई-योशिनो' या योशिनो चेरी कहलाती है। यह प्रजाति अक्सर नदियों या महल की खाइयों के किनारे उगाई जाती है।
आप इन्हें देखने के लिए जापान के पार्कों की सैर कर सकते हैं या नदी के किनारे जा सकते हैं। एक और खूबसूरत किस्म है कावाजू-जाकुरा, जो कावाजू क्षेत्र में पाई जाती है।
यह जगह टोक्यो शहर से महज 2 घंटे की दूरी पर स्थित है।
प्रतीक
जापानी संस्कृति में क्या है चेरी ब्लॉसम का महत्त्व?
चेरी ब्लॉसम जापानी लोगों के लिए महज एक फूल ही नहीं है। यह सुंदर पुष्प इस देश की संस्कृति को दर्शाता है और एक खास महत्त्व भी रखता है।
चेरी ब्लॉसम को जीवन, नवीकरण और वसंत के आगमन का प्रतीक माना जाता है। कम समय तक उगने के बावजूद इन फूलों की सुंदरता आने वाले कल के लिए आशा बनाए रखने का संकेत देती है।
कई लोग इनसे प्रेरणा लेकर कहानियां, कविताएं और कलाकृतियां भी बनाते हैं।
गतिविधि
इस तरह से लें जापानी चेरी ब्लॉसम का आनंद
जापान के लोग चेरी ब्लॉसम देखने की गतिविधि को बेहद खास मानते हैं। इसमें चेरी ब्लॉसम से लदे सकूना पेड़ों की छाया तले बैठकर पिकनिक मनाना या परिवार के साथ समय बिताना शामिल होता है।
अपने साथ एक चादर, भोजन और खेल का सामान लेकर जाएं और चेरी ब्लॉसम की सुंदरता को निहारते हुए पिकनिक का आनंद लें।
आप इस दौरान गाना गा सकते हैं, गेम खेल सकते हैं या आराम कर सकते हैं।
त्योहार
चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल भी है मुख्य आकर्षण
जापान में चेरी ब्लॉसम के मौसम में एक खास त्योहार मनाया जाता है, जिसे 'हनामी' या 'चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल' कहते हैं।
यह इन गुलाबी फूलों की सुंदरता को सराहने का उत्सव होता है, जो आमतौर पर वसंत के दौरान मनाया जाता है।
इस पर्व के दौरान जापानी लोग अपने प्रियजनों के साथ पिकनिक मनाते हैं, जापानी भोजन का आनंद लेते हैं और नै शुरुआत का जश्न मनाते हैं।
भारत के मेघालय में भी यह त्योहार मनाया जाता है।