जल्द से जल्द वजन कम करना चाहते हैं, तो भूलकर भी न करें ये गलतियाँ
ज़्यादातर लोगों को लगता है कि केवल खानपान की वजह से वजन बढ़ता है, जबकि यह सही नहीं है। दरअसल, मेटाबॉलिज़्म कमज़ोर होने से हम जो भी खाते हैं, वो फैट के रूप में जमा होने लगता है। यह समस्या हार्मोन असंतुलन से भी होती है। इसके साथ ही कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से वजन तेज़ी से बढ़ता है। आज हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे वजन तेज़ी से बढ़ता है।
टीवी देखते हुए खाना और नींद की कमी
कई लोग टीवी देखते हुए खाना खाते हैं, जिससे वो यह भूल जाते हैं कि वो कितना खाना खा गए। इसलिए टीवी देखते हुए खाने की आदत से बचें और खाने को अच्छे से चबाकर खाएँ। स्वस्थ रहने के लिए नींद बहुत ज़रूरी है। हर रोज़ कम से कम आठ घंटे की नींद आवश्यक है। कई लोग काम या अन्य वजहों से नींद पूरी नहीं करते हैं, जिससे वजन तेज़ी से बढ़ने लगता है। इसलिए नींद का ख़ास ध्यान रखें।
समय पर नाश्ता न करना और पानी न पीना
आजकल ज़्यादातर लोग सुबह जल्दी ऑफ़िस निकलने के चक्कर में सुबह का नाश्ता भूल जाते हैं, लेकिन आपकी इस गलती से वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में नाश्ता ज़रूर करें और नाश्ते में पौष्टिक चीज़ें खाएँ। कुछ लोग सुबह उठते ही चाय पीते हैं, जबकि इसकी जगह पानी पीना चाहिए। सुबह पानी न पीने से पेट साफ़ नहीं होता है और वजन बढ़ने लगता है। इससे शरीर से ज़हरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं और मेटाबॉलिज़्म भी बूस्ट होता है।
एक्सरसाइज न करना और तनाव में रहना
तेज़ी से वजन बढ़ने का एक कारण एक्सरसाइज न करना भी है। इससे शरीर की कैलोरी बर्न नहीं होती है और धीरे-धीरे शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। इसलिए रोज़ाना दिन में कम से कम आधे घंटे एक्सरसाइज करें। आपको बता दें कि ज़्यादा तनाव लेने से भी वजन तेज़ी से बढ़ता है। तनाव लेने से स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे मोटापा बढ़ता है। ऐसे में वजन कम करने वाले तनाव लेने से बचें।
ज़रूरत से ज़्यादा दवाओं और जंक फ़ूड का सेवन
कई लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी दवाइयाँ लेते हैं, लेकिन ज़्यादा दवाओं के सेवन से वजन तेज़ी से बढ़ता है। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है और आपके नियमित दवा लेने से वजन बढ़ रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लें। आजकल ज़्यादातर लोग जंक फ़ूड के ऊपर निर्भर रहने लगे हैं, जिससे तेज़ी से उनका वजन बढ़ता है। दरअसल, ज़्यादा तैलीय चीज़ों के सेवन से मेटाबॉलिज़्म कमज़ोर हो जाता है और फैट बर्न नहीं होता है।