रक्षा बंधन पर इन मिलावटी चीज़ों से रहें दूर, बीमारियों से बचे रहेंगे
आज पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन एक साथ मनाया जा रहा है। जहाँ स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ों से आज़ादी मिलने की ख़ुशी में मनाया जाता है, वहीं रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बाँधती हैं और मिठाई खिलाती हैं। बाज़ार में आने वाली मिठाइयों के साथ लगभग सभी चीज़ें मिलावटी होती हैं, इसलिए उनसे बचकर रहें।
ऐसे होती है त्योहारों में मिलावट
आमतौर पर बाज़ार में बिकने वाली लगभग हर चीज में मिलावट होती है, ख़ासतौर से मिठाइयों में, लेकिन त्योहारों के मौक़े पर मिठाइयों की गुणवत्ता और भी ख़राब हो जाती है। ज़्यादा माँग होने की वजह से इस दौरान मिठाइयों को बनाने के लिए ख़राब क्वालिटी के घी या तेल इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही मिठाइयों को आकर्षक दिखने के लिए उसमें ख़तरनाक रंग भी मिलाए जाते हैं, जो सेहत के लिए नुक़सानदायक होते हैं।
मानसून में होती है पाचन क्षमता कमज़ोर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मानसून में व्यक्ति की पाचन क्षमता कमज़ोर होती है, इसलिए ज़रा भी मिलावटी चीज़ खाने से पेट जल्दी ख़राब हो जाता है। ऐसे में रक्षा बंधन पर इन मिलावटी चीज़ों से दूर हो रहें।
मिठाइयाँ
रक्षा बंधन के दिन बाज़ार में सबसे ज़्यादा माँग मिठाइयों की ही होती है, क्योंकि बहने अपने भाइयों को राखी बाँधने के बाद उनका मुँह मीठा कराने के लिए मिठाई ही खिलाती हैं। मिलावटी मिठाई खाने से फ़ूड प्वाइजनिंग और कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप मिठाइयों का सेवन कम ही करें। साथ ही मिठाई ख़रीदने के लिए किसी अच्छी और भरोसेमंद दुकान पर ही जाएँ।
मावा
मिठाइयों को मावे से बनाया जाता है। ज़्यादा माँग होने की वजह से कई बार नक़ली चीज़ों से बने मावे की सप्लाई होती है। आपको जानकार हैरानी होगी कि कई लोग मावा बनाने के लिए सोखते कागज और कास्टिक सोडा का भी इस्तेमाल करते हैं। जब कोई व्यक्ति इनसे बनी मिठाइयों का सेवन करता है, तो उसकी आँतों और पाचन क्रिया को नुकसान होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप घर पर मावा तैयार करें और उससे मिठाइयाँ बनाएँ।
नमकीन और नक़ली घी
बाज़ार की नमकीन, मठरी या नमकीन पारे से दूर रहें और इसे घर पर ही बनाएँ। ऐसा इसलिए, क्योंकि बाज़ार में मिलने वाली नमकीन में काफ़ी मिलावट होती है, जो आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुँचा सकती है। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले नक़ली घी से भी दूर रहें, क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के लिए ख़तरा बन सकता है। नक़ली घी को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है।