पना संक्रांति 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है यह त्योहार, इसका महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें
पना संक्रांति भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। इसे मेष संक्रांति, महा विशुबा संक्रांति और महा संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार ओडिया नए साल की शुरुआत का प्रतीक है और बैसाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस साल 14 अप्रैल को पना संक्रांति भव्यता के साथ मनाई जाएगी। आइए आज इस त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
इस तरह से त्योहार की तिथि होती है निर्धारित
हिंदू पंचांग के अनुसार, जिस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, उस दिन पना संक्रांति मनाई जाती है। यह त्योहार ओडिया कैलेंडर द्वारा भी निर्धारित किया जाता है, जो चंद्र-सौर हिंदू कैलेंडर का अनुसरण करता है और बैसाख के महीने के साथ मेल खाता है। ऐसी मान्यता है कि केवल इस दिन सूरज पूरी तरह से दो अवसरों पर भूमध्य रेखा पर रहता है। इसमें मेष संक्रांति और तुला संक्रांति शामिल है।
पना संक्रांति का इतिहास
इसकी उत्पत्ति इस क्षेत्र की प्राचीन कृषि संस्कृति से हुई थी। वहीं एक किंवदंती के अनुसार, इस दिन प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी मंदिर के देवता भगवान जगन्नाथ ने चिलचिलाती गर्मी के उपचार के लिए पाना पेय का निर्माण किया। पेय को पानी, गुड़, दही और विभिन्न मसालों से बनाया जाता है और माना जाता है कि इसमें ठंडक के गुण होते हैं, इसलिए पान पेय त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
पना संक्रांति मनाने का महत्व
पना संक्रांति भारत के ओडिशा की संस्कृति और परंपरा में बहुत महत्व रखती है। त्योहार हिंदू सौर कैलेंडर के पहले दिन मनाया जाता है और नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह गर्मी के मौसम की शुरुआत का संकेत भी माना जाता है। यह त्योहार एकजुटता और सामुदायिक बंधन के महत्व पर भी प्रकाश डालता है। पना संक्रांति जीवन, आशा और समृद्धी का उत्सव है और इसका जीवंत उत्सव ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
पना संक्रांति कैसे मनाया जाता है?
ओडिशा में इस त्योहार का जश्न काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर लोग नहा-धोकर पारंपरिक कपड़ों को पहनकर तैयार होते हैं, वहीं अपने घर में तरह-तरह के पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। साथ ही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान लोग पाना पेय साझा करने के लिए एक साथ आते हैं और लोक नृत्य और संगीत प्रदर्शन जैसी विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।