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पुलओवर एक्सरसाइज कैसे की जाती है? जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
पुलओवर एक्सरसाइज करने का तरीका और इसके फायदे

पुलओवर एक्सरसाइज कैसे की जाती है? जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

लेखन अंजली
Jan 29, 2025
11:49 am

क्या है खबर?

पुलओवर एक खास एक्सरसाइज है, जो पीठ और छाती की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर सकती है। यह विशेष रूप से लैटिसिमस डॉर्सी (पीठ की सबसे बड़ी मांसपेशियों में से एक) मांसपेशियों को लचीला बनाने में सहायक हो सकती है। सही तरीके से अभ्यास करने पर यह शरीर की मुद्रा सुधारने और पीठ दर्द को कम करने में सहायक हो सकती है। इसे नियमित रूप से अपनी फिटनेस दिनचर्या में शामिल करके आप ताकत और लचीलापन बढ़ा सकते हैं।

अभ्यास

पुलओवर एक्सरसाइज कैसे करें?

सबसे पहले आपको एक बेंच पर लेटना होगा, फिर अपने पैरों को जमीन पर स्थिर रखें और हाथों में एक डंबल पकड़ें। अब धीरे-धीरे अपने हाथों को सिर के पीछे ले जाएं। ध्यान रहे कि आपकी कोहनियां थोड़ी मुड़ी हुई हों। इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं। इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं। ध्यान दें कि अपनी सांसें सामान्य रखें और अपनी क्षमता के अनुसार वजन चुनें।

फायदे

पुलओवर एक्सरसाइज के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे

यह पीठ की मांसपेशियों को मजबूती दे सकती है, जिससे शरीर की मुद्रा में सुधार हो सकता है। इसके अलावा यह छाती की मांसपेशियों को भी मजबूत कर सकती है, जिससे शरीर का ऊपरी हिस्सा अधिक संतुलित दिखता है। नियमित अभ्यास से कंधे की गतिशीलता बढ़ती है और पीठ दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा पुलओवर एक्सरसाइज फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी मददगार होती है क्योंकि इसमें गहरी सांस लेने की प्रक्रिया शामिल होती है।

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पुलओवर करते समय बरतें ये सावधानियां

इस एक्सरसाइज के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि चोट लगने से बचा जा सके। सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आप सही वजन चुनें क्योंकि बहुत भारी वजन उठाने से कंधे या पीठ पर दबाव पड़ सकता है। दूसरी बात, हमेशा बेंच पर स्थिर रहें ताकि संतुलन बना रहे और गिरने का खतरा न हो। अगर आपको किसी प्रकार का दर्द महसूस होता हो तो तुरंत रुक जाएं और विशेषज्ञ से सलाह लें।

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अन्य वेरिएशन आजमाएं

अगर आप अपनी दिनचर्या में बदलाव चाहते हैं तो पुलओवर के कई वेरिएशन आजमा सकते हैं। इसे स्टैंडिंग या सिटिंग पोजीशन में किया जा सकता है या फिर अलग-अलग उपकरणों जैसे बारबेल या कैबल्स का उपयोग करके भी किया जा सकता है। इन वेरिएशन्स से आपके वर्कआउट में न केवल विविधता आएगी बल्कि अलग-अलग मांसपेशियों पर भी काम होगा, जिससे आपका पूरा शरीर मजबूत बनेगा और फिटनेस स्तर बढ़ेगा।