गूगल ने बनाया 'सन क्वीन' मारिया टेलकेस को समर्पित डूडल, जानें कौन थीं वो
गूगल ने आज सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाली अमेरिकी महिला वैज्ञानिक डॉ मारिया टेलकेस की 122वीं जयंती के अवसर पर उन्हें डूडल समर्पित किया है। 'सन क्वीन' के नाम से प्रसिद्ध डॉ मारिया ने कई सौर ऊर्जा टेक्नोलॉजी और उपकरणों का आविष्कार किया था। आज ही के दिन साल 1952 में वह 'द सोसाइटी ऑफ वूमेन इंजीनियर्स अचीवमेंट अवार्ड' पाने वाली पहली महिला वैज्ञानिक बनी थीं। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
डॉ मारिया का शुरुआती जीवन और शिक्षा
डॉ मारिया का जन्म साल 1900 में यूरोपीय देश हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। उन्होंने बुडापेस्ट की ही इओट्वोस लॉरैंड यूनिवर्सिटी से फिजिकल केमिस्ट्री की पढ़ाई की और साल 1920 में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। साल 1924 में उनकी PhD पूरी हुई। फिर वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। वहां उन्होंने एक बायोफिजिसिस्ट के रूप में नौकरी की। इसके बाद वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में सौर ऊर्जा समिति में शामिल हुईं।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान की अमेरिकी सरकार की मदद
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सरकार ने डॉ मारिया को एक सोलर डिस्टिलर बनाने के लिए बुलाया था, जो समुद्री पानी को ताजा पानी में बदलता है। इस आविष्कार का इस्तेमाल प्रशांत महासागर में तैनात सैनिकों ने किया था और इससे हजारों सैनिकों की जान बची थी। युद्ध के बाद MIT लौटकर उन्होंने एक असोसिएट प्रोफेसर के तौर पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सोलर-हीट होम विकसित करने की कोशिश की, लेकिन शुरूआत में उनका डिजाइन विफल रहा।
1948 में डॉ मारिया ने बनाया सोलर-हीट होम
साल 1948 में डॉ मारिया ने एलेनोर रेमंड नामक एक आर्किटेक्ट के साथ साझेदारी में डोवर सन हाउस बनाया। सोलर-हीट होम की सफलता के बाद मीडिया की खबरों ने सौर ऊर्जा शब्द और डॉ मारिया को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया दिया था। डॉ मारिया को फोर्ड फाउंडेशन ने सोलर ओवन डिजाइन बनाने के लिए भी कहा था, जो आज भी इस्तेमाल किया जाता है।
डॉ मारिया ने अपने जीवनकाल में किए 20 से अधिक अविष्कार
गूगल के मुताबिक, डॉ मारिया ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी जैसे प्रसिद्ध संस्थानों में सौर ऊर्जा पर शोध में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने कई ऊर्जा कंपनियों के लिए एक सलाहकार के रूप में भी काम किया और अपने करियर के दौरान 20 से अधिक आविष्कार किए, जिन्होंने नई क्रांति पैदा कर दी। उनके इन्हीं कार्यों के कारण वह 'द सन क्वीन' के नाम से प्रसिद्ध हो गईं।