सुबह-सुबह इन चार योगासनों का अभ्यास करने से होंगे कमाल के फायदे, देंखे वीडियो
अगर आप चाहते हैं कि आप शारीरिक और मानसिक दोनो तरीकों से स्वस्थ रहें तो नियमित रूप से योगाभ्यास आपके लिए बेहद ही लाभकारी हो सकता है। योग के कारण दिमाग में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिसके परिणाम स्वरूप शरीर की सुस्ती भाग जाती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है। इसलिए आज हम आपको चार ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके अभ्यास से आप स्वस्थ रह पाएंगे। तो आइए जानें।
भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। फिर अपने हाथों पर दबाव डालते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। सांस लेते और छोड़ते हुए इस आसन को तीन मिनट तक करें, इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़े। इस आसन के अभ्यास से न सिर्फ पेट की चर्बी कम होती है बल्कि बाजुओं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूती भी मिलती है।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए और पेट को अंदर की ओर ले जाते हुए आगे की ओर झुक जाएं। इस मुद्रा में एक मिनट तक रुके रहें व धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से पाचन क्षमता में वृद्धि होती है।
बलासन
बलासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर अपने माथे को जमीन पर लगा लें, इसके बाद अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें व अपनी जांघो से अपनी छाती पर दबाव डालें। पांच मिनट तक इसी अवस्था में बने रहें व धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। बलासन उन लोगों के लिए अच्छा आसन है, जिन्होंने योगासन की शुरुआत की हो। इससे पेट की चर्बी कम व मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन
सुप्त मत्स्येन्द्रासन करने के लिए जमीन पर लेट जाएं और दोनों हाथों को कंधों की सीध में रखें। फिर दाएं पैर के घुटने को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने पर टिका दें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए दाएं कुल्हे को उठाते हुए पीठ को बाएं ओर मोड़े और दाएं घुटने को नीचे की ओर ले जाएं। इस दौरान आपके दोनों हाथ अपनी जगह पर ही रहने चाहिए। इस मुद्रा में एक मिनट तक रुके व धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।