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वर्टिगो है तो रोजाना इन प्राणायामों का करें अभ्यास, समस्या से मिलेगा छुटकारा
वर्टिगो से राहत दिलाने वाले प्राणायाम

वर्टिगो है तो रोजाना इन प्राणायामों का करें अभ्यास, समस्या से मिलेगा छुटकारा

लेखन अंजली
Dec 20, 2021
11:00 pm

क्या है खबर?

अगर चलते-चलते या फिर अचानक खड़े होने पर आपका सिर घुमने लगता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है तो आपको बता दें कि ये वर्टिगो के लक्षण हैं। हालांकि, कई लोगों को वर्टिगो के बारे में पता नहीं चलता और समस्या गंभीर होने लगती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो वर्टिगो से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

#1

नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें, फिर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।

#2

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#3

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।

#4

सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें। अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें। इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें, फिर सिर को ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें। कुछ मिनट के बाद प्राणायाम छोड़ दें।