हिमाचल प्रदेश: मंडी के ये पर्यटन स्थल हैं बहुत खूबसूरत, घूमने की बना सकते हैं योजना
हिमाचल प्रदेश की शांत घाटियों के बीच में स्थित मंडी की प्राचीन सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उदाहरण है। ब्यास नदी के किनारे बसे इस पहाड़ी क्षेत्र में कई मंदिर और घाट भी हैं, जिस कारण इसे "पहाड़ियों का वाराणसी" भी कहा जाता है। हालांकि, मंडी सिर्फ अपने धार्मिक स्थलों के कारण ही लोकप्रिय नहीं है, बल्कि यहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। आइए मंडी के पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं।
त्रिलोकीनाथ मंदिर
यह मंदिर मंडी के प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, जो हिंदू और बौद्ध वास्तुकला का एक बेहतरीन मिश्रण है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर आध्यात्मिकता और शांति का अनुभव कराता है, जिस कारण यह उपासकों के ध्यान लगाने के लिए आदर्श जगह है। 1520 ई. में निर्मित इस मंदिर में भगवान शिव की तीन मुख वाली मूर्ति है और इस मंदिर की दीवारों पर भी भगवान की कथाओं से जुड़ी चित्रकारियां हैं।
रिवालसर झील
यह जगह समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे त्सो पेमा लोटस झील के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सुंदर चौकोर आकार की झील है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। हरियाली से घिरी यह झील ईख के तैरते द्वीपों के लिए भी लोकप्रिय है। इस झील के पास 3 हिंदू मंदिर भी स्थित हैं, जहां आप जाकर दर्शन कर सकते हैं।
कमलाह किला
हिमाचल प्रदेश के मशहूर किलों में से एक कमलाह किला मंडी की सिकंदर धार पर्वतमाला पर मौजूद है। 17वीं शताब्दी का कमलाह किला समुद्र तल से लगभग 4,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जिसका निर्माण 1625 में राजा सूरज सेन ने करवाया था और इसका नाम कमलाह बाबा नामक संत के नाम पर रखा गया था। मनमोहक दृश्यों के अलावा यहां आकर आप ट्रेकिंग का आनंद भी ले सकते हैं।
भूतनाथ मंदिर
इस स्मारक के नाम पर मत जाइए। यह तो एक मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंडी का सबसे पुराना मंदिर है, जिसे 1520 के दशक में स्थापित किया गया था और शिवरात्रि के दौरान यहां सैकड़ों भक्त आते हैं। यहां आपको मंदिर के सजावटी मेहराबदार प्रवेश द्वार के सामने शिव और नंदी की मूर्तियां भी मिलेंगी। परिवार के साथ घूमने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
पराशर झील
यह सुंदर और शांत झील मंडी में समुद्र तल से 2,730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। घने देवदार के जंगलों और धौलाधार पर्वतमालाओं से घिरी इस झील के बीच में एक द्वीप है और इसके किनारे पर ऋषि पराशर को समर्पित एक सदियों पुराना शिवालय जैसा मंदिर भी है। इस कारण झील का नाम पराशर है। यहां जानिए भारत में मौजूद 5 सबसे खूबसूरत झीलें।