भगवान राम के अयोध्या लौटने के अलावा इन 9 अन्य कारणों से मनाई जाती है दिवाली
क्या है खबर?
हजारों साल पहले जब भगवान राम रावण का वध करने के बाद माता सीता और लक्ष्मण जी को लेकर अयोध्या लौटे थे, तब वहां के लोगों ने शहर को दीपों से सजाकर उनका स्वागत किया था।
इस दिन दिवाली पर्व की शुरुआत हुई थी, जो आज तक धूम-धाम से मनाया जाता है। हालांकि, इस त्योहार को मनाने के पीछे केवल यही कारण नहीं है।
आइए आज इस लेख में दिवाली मनाने के 10 कारण जानते हैं।
#1
भगवान कृष्ण ने किया था नरकासुर का वध और श्री राम लौटे थे घर
मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में दिवाली से एक दिन पहले भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
इस राक्षस ने प्रागज्योतिषपुर (असम) में 16,000 महिलाओं को बंदी बनाया था, जिस कारण श्री कृष्ण ने उसे मौत के घाट उतारा था।
इसी उपलक्ष्य में छोटी दिवाली मनाई जाती है। इसके अलावा, इसी दिन त्रेता युग में रामायण के दौरान भगवान राम ने रावण का वध किया था और वह 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे।
#2
मां लक्ष्मी का हुआ था पुनर्जन्म और पांडव लौटे थे हस्तिनापुर
दिवाली धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी के पुनर्जन्म के शुभ अवसर पर भी मनाई जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं।
उन्होंने दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु को अपना पति चुनकर उनसे विवाह रचाया था। दिवाली पांडवों की हस्तिनापुर वापसी के खुशी के अवसर का भी प्रतीक है।
महाभारत के अनुसार, पांडव 12 वर्षों के वनवास के बाद कार्तिक अमावस्या को ही अपने घर लौटे थे।
#3
छठे सिख गुरु हुए थे रिहा और महाकाली ने लिया था नया रूप
सिख धर्म में दिवाली को बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन छठे सिख गुरु हरगोबिंद सिंह को 52 अन्य हिंदू राजाओं के साथ मुगल सम्राट जहांगीर ने कैद से रिहा किया था।
इसके अलावा, दिवाली के दिन देवी महाकाली की अंतिम अभिव्यक्ति कमलात्मिका का भी जन्म हुआ था।
इस दिन पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मिथिला, सिलहट, चटगांव और महाराष्ट्र के टिटवाला शहर में काली पूजन होता है।
#4
विष्णु जी ने की थी मां लक्ष्मी की रक्षा
दिवाली के दिन भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी की रक्षा भी की थी। उन्होंने देवी माता को राजा बलि की कैद से छुड़ाया था।
बलि ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करके तीनों लोकों को अपने स्वामित्व में ले लिया था।
इसके बाद भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर उससे 3 पग भूमि मांगी थी। पहले 2 पगों में उन्होंने धरती और स्वर्ग को नाप कर लिया था और तीसरा पग बलि पर रखकर उसे नर्क लोक भेज दिया था।
#5
इस दिन मनता है गुजरती नया साल और महावीर निर्वाण दिवस
दिवाली के त्योहार को गुजराती नए साल के रूप में भी मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 2 नवंबर को मनाया जाने वाला है।
इस पर्व को बेस्तु वर्ष कहते हैं, जिस दिन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है।
इसके अलावा, जैन धर्म के लोग दिवाली पर वर्तमान ब्रह्मांडीय युग के 24सवें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के निर्वाण का जश्न मनाते हैं। यह आध्यात्मिक शिक्षाओं और मोक्ष की प्राप्ति पर विचार करने का दिन है।
जानकारी
दिवाली से होता है फसल कटाई के समय का अंत
कई स्थानों पर दिवाली के दिन फसल कटाई के समय के अंत का जश्न भी मनाया जाता है। इस दिन अच्छी फसल के लिए भगवान का शुक्रिया किया जाता है और सर्दी का स्वागत किया जाता है।