सालों से चल रही है नवरात्रि पर व्रत रखने की प्रथा, जानिए किसने की थी शुरुआत
क्या है खबर?
भारत में धूम-धाम से नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस त्योहार पर 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उन्हें भोग अर्पित किए जाते हैं।
नवरात्रि के दौरान भक्त व्रत रखते हैं, जिससे प्रसन्न होकर माता उनपर कृपा बरसाती हैं। नवरात्रि पर उपवास रखने की प्रथा सदियों से चल रही है, लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि इसकी शुरुआत किसने की होगी?
आइए जानते हैं नवरात्रि पर सबसे पहले किसने व्रत रखा था।
महत्त्व
जानिए नवरात्रि पर व्रत रखने का महत्त्व
नवरात्रि के 9 दिन दुर्गा माता के 9 स्वरूपों को समर्पित हैं। इस त्योहार पर लोग कलश की स्थापना करते हैं, माता को श्रृंगार का सामान चढ़ाते हैं और भजन गाते हैं।
नवरात्रि पर 2 प्रकार के व्रत किए जाते हैं, जिनमें से एक है निर्जला व्रत और दूसरा है फलाहारी व्रत।
माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान उपवास करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है, उनका मन शांत होता हैं और उनका शुद्धीकरण हो जाता है।
शुरुआत
पहली बार किसने रखा था नवरात्रि का व्रत
नवरात्रि पर व्रत रखने की प्रथा सदियों पुरानी है, जिसकी शुरुआत मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम ने की थी।
वाल्मीकि पुराण के अनुसार, उन्होंने ऋष्यमूक पर्वत पर बैठकर माता रानी का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा की थी।
उन्होंने माता रानी की कृपा पाने के लिए नरिजला व्रत रखा था, जिसमें अन्य और जल दोनों का सेवन नहीं किया जाता है।
भगवान राम ने 9 दिनों तक लगातार उपवास रखा था और मां भवानी की आराधना की थी।
कारण
भगवान ने इस कारण रखा था व्रत
श्री राम भगवान विष्णु के अवतार थे, जिसके बाद भी उन्होंने माता रानी का व्रत किया था। रावण का वध करने के लिए उन्हें मां दुर्गा के आशीर्वाद की जरूरत थी।
कहा जाता है कि रावण असुर होने के बाद भी भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। उसने अपनी तपस्या के जरिए उनसे अपराजित होने का वरदान मांग लिया था।
भगवान राम ने व्रत रखकर माता से अध्यात्मिक बल, शत्रु पराजय और कामना पूर्ति का आर्शीवाद लिया था।
रामायण
रामायण और नवरात्रि के बीच की समानता
लोग रामायण और नवरात्रि की कथा में पाई जाने वाली समानता के कारण मानते हैं कि नवरात्रि व्रत की शुरुआत श्रीराम ने ही की होगी।
जिस प्रकार मां दुर्गा ने 10वें दिन विजयी होने से पहले महिषासुर से 9 दिनों तक युद्ध किया था, उसी प्रकार भगवान राम ने भी 9 दिनों तक रावण से युद्ध किया था।
इसके बाद 10वें दिन उन्होंने रावण का वध किया था, जिस दिन दशहरा मनाया जाता है।