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कुछ ऐसी है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की दिनचर्या, सुबह 6 बजे उठकर करती हैं सैर

कुछ ऐसी है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की दिनचर्या, सुबह 6 बजे उठकर करती हैं सैर

लेखन सयाली
Jul 05, 2025
04:58 pm

क्या है खबर?

द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं, जिनकी उम्र 67 साल है। उन्हें 25 जुलाई, 2022 को यह पद सौपा गया था, जिसके बाद वह देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई थीं। इससे पहले वह 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। मुर्मू अपनी सेहत का खास ख्याल रखती हैं और जल्दी उठकर दिन की शुरुआत करना पसंद करती हैं। आइए उनकी दिनचर्या पर नजर डालते हैं।

सुबह

रोजाना 6 बजे उठती हैं मुर्मू

जब ज्यादातर लोग चैन की नींद ले रहे होते हैं, तब मुर्मू दिन की शुरुआत कर चुकी होती हैं। जी हां, वह रोजाना सुबह 6 बजे उठती हैं। उठते ही वह राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित हरे-भरे अमृत उद्यान में टहलने निकल जाती हैं। हालांकि, ओस से भीगी घास पर पैर रखने से पहले वह 2 घंटे तक ध्यान लगाती हैं। इससे उनका मन शांत और स्थिर रहता है और वह अपनी जिम्मेदारियों के लिए तैयार महसूस करती हैं।

सैर

2 किलोमीटर तक सैर करती हैं मुर्मू

165 एकड़ में फैला अमृत उद्यान पूरे 330 एकड़ के राष्ट्रपति भवन परिसर के लगभग आधे हिस्से में बना हुआ है। राष्ट्रपति मुर्मू इस उद्यान में हर दिन लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलती हैं। इस दौरान उन्हें ताजी हवा में सांस लेने का मौका मिल जाता है और वह मौसमी फूलों को देखकर खुश भी हो लेती हैं। कभी-कभी उन्हें सैर करते समय परिसर में घूमने वाले खूबसूरत मोर भी दिखाई दे जाते हैं।

कार्यालय

सुबह की सैर के बाद शुरू होता है काम

सुबह की स्वस्थ दिनचर्या पूरी होने के बाद वह तैयार होती हैं। इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन के आलीशान गलियारों से होते हुए अपने अध्ययन कक्ष में जाती हैं। उनका अध्ययन कक्ष राष्ट्रपति भवन के उत्तरी प्रांगण के पास स्थित है, जो यहां के सबसे विशिष्ट भागों में से एक है। यहां बैठकर ही वह अपने काम करती हैं। इनमें राष्ट्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना, अहम लोगों से मिलना, राजकीय अतिथियों की मेजबानी करना और चर्चा करना शामिल होता है।

डाइट

सात्विक भोजन करती हैं मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू सदा जीवन जीने में विश्वास रखती हैं। यही कारण है कि उनकी डाइट भी बेहद साधारण है। वह केवल सात्विक भोजन करना पसंद करती हैं, जिसमें प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता है। मुर्मू नाश्ते में ओट्स और आलू-पूरी जैसे हल्के व्यंजनों का सेवन करती हैं। उनके रसोइयों का कहना है कि उन्हें चावल का चीला बहुत अच्छा लगता है। वह दालमा और सथूला जैसे ओड़िआ पकवान भी खाती हैं।