नागालैंड जा रहे हैं? वहां के इन 5 अनोखे त्योहारों का जरूर लें अनुभव
क्या है खबर?
भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित नागालैंड राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर और जनजातीय परंपराओं के लिए जाना जाता है।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। नागालैंड में कई अनोखे त्योहार मनाए जाते हैं, जो यहां की संस्कृति को दर्शाते हैं।
अगर आप नागालैंड की यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो इन पांच अनोखे त्योहारों का हिस्सा बनकर इस राज्य की संस्कृति को करीब से जान सकते हैं।
#1
हॉर्नबिल फेस्टिवल: नागालैंड का सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव
हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड का सबसे बड़ा और मशहूर सांस्कृतिक उत्सव है, जिसे हर साल दिसंबर महीने में मनाया जाता है।
यह त्योहार कोहिमा शहर के निकट किसामा हेरिटेज विलेज में आयोजित होता है। इस दौरान विभिन्न जनजातियों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला प्रदर्शन किए जाते हैं।
इसके अलावा हस्तशिल्प प्रदर्शनी, खेल प्रतियोगिताएं और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका भी मिलता है।
यह उत्सव न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।
#2
मोआत्सु महोत्सव: मोकोकचुंग जिले की खास पहचान
मोआत्सु महोत्सव मोकोकचुंग जिले में रहने वाली आओ जनजाति द्वारा मई महीने में मनाया जाता है।
यह तीन दिन तक चलने वाला उत्सव खेती-बाड़ी के काम खत्म होने के बाद खुशी मनाने के लिए आयोजित किया जाता है। इस दौरान लोग पारंपरिक वेशभूषा पहनकर नृत्य करते हैं और गीत गाते हैं। साथ ही विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं भी होती हैं, जिनमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
महोत्सव आओ जनजाति की संस्कृति और परंपराओं को समझने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
#3
सेकरेनी फेस्टिवल: अंगामी जनजाति की धरोहर
सेकरेनी फेस्टिवल अंगामी जनजाति द्वारा फरवरी महीने में मनाया जाता है, जो उनकी कृषि संबंधी परंपराओं से जुड़ा हुआ होता है। इस दौरान लोग अपने खेतों की सफाई करते हैं और नई फसल बोने से पहले भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी मेहनत सफल हो सके।
सेकरेनी फेस्टिवल के दौरान पारंपरिक नृत्य, संगीत कार्यक्रम और खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहती हैं, जिनमें सभी उम्र वर्ग के लोग भाग लेते रहते हैं।
#4
तुलिनी महोत्सव: सुमी जनजाति का विशेष पर्व
तुलिनी महोत्सव सुमी जनजाति द्वारा जुलाई महीने में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
यह पर्व नई फसल की कटाई के बाद भगवान को धन्यवाद देने के लिए आयोजित होता है। इस दौरान लोग पारंपरिक वेशभूषा पहनकर लोकगीत गाते हैं, नाचते हैं और विभिन्न खेल-कूद में भाग लेते हैं।
यहां आने वाले पर्यटक सुमी जनजाति के खान-पान का लुत्फ उठा सकते हैं और उनकी संस्कृति को करीब से जान सकते हैं, जो इस महोत्सव का एक विशेष आकर्षण है।
#5
मिमकुट त्योहार: कुकी जनजाति के जीवन का अभिन्न हिस्सा
मिमकुट त्योहार कुकी जनजाति द्वारा जनवरी महीने में उल्लासपूर्वक मनाया जाता है।
यह त्यौहार फसल कटाई के समय भगवान को धन्यवाद देने के लिए होता है। इस दौरान पारंपरिक नृत्य और गीत कार्यक्रम होते हैं, जिन्हें देखकर आनंद आता है।
मिमकुट त्यौहार के समय पर्यटक भी इस अनुभव का लाभ उठा सकते हैं और कुकी जनजाति की संस्कृति को करीब से जान सकते हैं।
यह पर्व कुकी जनजाति की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।