
बिहार की संस्कृति से जुड़े हैं ये 5 लोक नृत्य, जानिए इनके बारे में
क्या है खबर?
बिहार का लोक नृत्य राज्य की संस्कृति का अहम हिस्सा है। ये नृत्य राज्य की विविधता को दर्शाते हैं और इनमें शामिल संगीत और वाद्ययंत्र इसे और भी खास बना देते हैं। ये नृत्य न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि बिहार की समृद्ध परंपरा और इतिहास को भी उजागर करते हैं। आइए आज हम आपको बिहार के पांच प्रमुख लोक नृत्य के बारे में बताते हैं, जो अपनी अनोखी शैली और खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।
#1
बिदेसिया
बिदेसिया बिहार का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है, जो खासकर भोजपुर क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और इसमें सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की जाती हैं। बिदेसिया नृत्य में गीत, संगीत और नाटक का मिश्रण होता है, जो दर्शकों को आनंदित करता है। इस नृत्य में पारंपरिक संगीत के सामान का उपयोग किया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
#2
झिझिया
झिझिया बिहार का एक पारंपरिक स्त्री लोक नृत्य है, जो खासकर मिथिलांचल क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य मुख्य रूप से शादी-ब्याह और धार्मिक त्योहारों पर प्रस्तुत किया जाता है। झिझिया नृत्य में महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर गीत गाती हैं और ताल पर थिरकती हैं। इस नृत्य में पारंपरिक संगीत के सामान का उपयोग किया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
#3
करमा
करमा बिहार का एक अहम लोक नृत्य है, जो खासकर संथाल परगना क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है। करमा नृत्य में लोग पेड़ की पूजा करते हैं और त्योहारों पर इसे प्रस्तुत करते हैं। इस नृत्य में लोग पारंपरिक संगीत के सामान का उपयोग करते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। करमा नृत्य में लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर गीत गाते हैं और ताल पर थिरकते हैं।
#4
डमचिया
डमचिया बिहार का एक अनोखा लोक नृत्य है, जो खासकर मुंगेर क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए थिरकते हैं। डमचिया नृत्य में लोग पारंपरिक संगीत के सामान का उपयोग करते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इस प्रकार डमचिया नृत्य बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है और इसे देखने वाले दर्शकों पर गहरा प्रभाव डालता है।
#5
डोमकच
डोमकच बिहार का एक अनोखा लोक नृत्य है, जो खासकर मुंगेर क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिनमें लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए थिरकते हैं। डोमकच नृत्य में लोग पारंपरिक संगीत के सामान का उपयोग करते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इन सभी लोक नृत्य ने बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाया है और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएंगे।