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त्रिपुरा के 5 प्रमुख पारंपरिक नृत्य, जो दर्शाते हैं राज्य की संस्कृति 
त्रिपुरा के पारंपरिक नृत्य

त्रिपुरा के 5 प्रमुख पारंपरिक नृत्य, जो दर्शाते हैं राज्य की संस्कृति 

लेखन अंजली
Jul 16, 2025
12:24 pm

क्या है खबर?

त्रिपुरा भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक राज्य है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यहां के पारंपरिक नृत्य राज्य की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखते हैं। इन नृत्यों में विभिन्न समुदायों के रीति-रिवाज, त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान शामिल होते हैं। इन पारंपरिक नृत्यों का प्रदर्शन न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि लोगों को अपनी जड़ों से भी जोड़ता है। आइए राज्य के पांच प्रमुख पारंपरिक नृत्य के बारे में जानें।

#1

गोरिया 

गोरिया नृत्य त्रिपुरा का एक प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य है, जो मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है। यह नृत्य हर साल गारिया पूजा के दौरान प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें भगवान गारिया को समर्पित किया जाता है। इस नृत्य में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल होते हैं, जो रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर नाचते हैं। गोरिया में ढोल और नगाड़े जैसे संगीत के सामान का उपयोग होता है, जिससे इसका माहौल जीवंत हो जाता है।

#2

लेबांग बुमानी

लेबांग बुमानी नृत्य भी आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पारंपरिक नृत्य है। यह नृत्य मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें वे अपने शरीर पर रंगीन पेंटिंग करते हैं और विभिन्न प्रकार के मुखौटे पहनते हैं। लेबांग बुमानी नृत्य खेती के त्योहारों और अन्य समारोहों के दौरान किया जाता है, जिससे यह खेती की संस्कृति का प्रतीक बन गया है। इस नृत्य में तेज संगीत और ताल का उपयोग होता है।

#3

मैमाता 

मैमाता नृत्य त्रिपुरा की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एक सुंदर पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में महिलाएं अपनी जीवनशैली, प्रेम, विवाह और परिवार की कहानियों को प्रस्तुत करती हैं। मैमाता नृत्य में महिलाएं पारंपरिक कपड़े पहनकर अपने सिर पर मिट्टी की मूरत रखकर नाचती हैं। यह नृत्य विवाह समारोह और अन्य सामाजिक अवसरों पर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे यह महिला समुदाय की एकता और समर्पण का प्रतीक बन गया है।

#4

तांगबिटी 

तांगबिटी नृत्य आदिवासी समुदाय द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक रोचक पारंपरिक नृत्य है, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल होते हैं। इस नृत्य में लोग लंबे डंडों का उपयोग करके विभिन्न आकृतियां बनाते हैं और ताल पर थिरकते हैं। तांगबिटी नृत्य धार्मिक अनुष्ठानों और अन्य समारोहों के दौरान किया जाता है, जिससे यह आदिवासी संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है। इस नृत्य में तेज संगीत और ताल का उपयोग होता है।

#5

होदागिरी 

होदागिरी नृत्य त्रिपुरा के आदिवासी समुदायों द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में लोग अपनी शारीरिक ताकत और कौशल दिखाते हैं, जिसमें ऊंची छलांगें और घुंघरू बांधकर नाचना शामिल होता है। होदागिरी नृत्य त्योहारों और अन्य समारोहों पर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे यह आदिवासी संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है। इस नृत्य में तेज संगीत और ताल का उपयोग होता है।