
राजस्थान के अनदेखे गांव, जो बदल रहे हैं पारंपरिक रेगिस्तानी संस्कृति की परिभाषा
क्या है खबर?
राजस्थान को अक्सर अपने शाही महलों और सुनहरे रेगिस्तान के लिए जाना जाता है, वहां के गांव भी अपनी खास पहचान रखते हैं।
ये गांव न केवल पारंपरिक संस्कृति को संजोए हुए हैं बल्कि आधुनिकता का भी स्वागत कर रहे हैं।
यहां की जीवनशैली और रीति-रिवाजों में एक अनोखा मेल देखने को मिलता है।
आइए कुछ ऐसे गांवों के बारे में जानते हैं, जो राजस्थान की पारंपरिक रेगिस्तानी संस्कृति को नए अंदाज में पेश कर रहे हैं।
#1
खीचन
बीकानेर जिले में स्थित खीचन गांव पक्षियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। यहां हर साल हजारों की संख्या में कुरजां पक्षी आते हैं।
इन पक्षियों का स्वागत करने और उनकी देखभाल करने की परंपरा इस गांव को खास बनाती है।
स्थानीय लोग इन पक्षियों के लिए दाना-पानी का इंतजाम करते हैं और यह दृश्य देखने लायक होता है।
खीचण ने पर्यावरण संरक्षण और पशु प्रेम का एक नया उदाहरण पेश किया है।
#2
सम
जैसलमेर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित सम गांव अपने रेत के टीलों और रोमांचक सफारी अनुभवों के लिए प्रसिद्ध है।
यहां आने वाले सैलानियों को ऊंट सफारी का आनंद लेने का मौका मिलता है, जिससे वे रेगिस्तान की खूबसूरती को करीब से देख सकते हैं।
इसके अलावा शाम होते ही यहां लोक संगीत और नाच-गाने का आयोजन होता है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करता है।
#3
बिश्नोई
बिश्नोई समुदाय अपने प्रकृति प्रेम और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए जाना जाता है। इस समुदाय ने पेड़ों और जानवरों की रक्षा करने की कसम खाई हुई होती है।
बिश्नोई गांव में जाकर आप देख सकते हैं कि कैसे ये लोग अपनी परंपराओं से जुड़े रहते हुए आधुनिकता को अपनाते जा रहे हैं।
यहां आपको हिरण जैसे वन्यजीव खुलेआम घूमते नजर आएंगे, जिन्हें स्थानीय लोग परिवार जैसा मानते हैं।
#4
पाली
पाली जिला अपने हस्तशिल्प कला और कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर रहा है। यहां बने कपड़े देश-विदेश तक निर्यात किए जाते हैं।
पाली शहर में कई छोटे-बड़े कारखाने मिलेंगे, जहां रंग-बिरंगे कपड़ों पर हाथ से कढ़ाई होती है।
यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श जगह हो सकता है, जो भारतीय हस्तशिल्प कला से जुड़ना चाहते हों या फिर इसे सीखना चाहते हों।
#5
कुंभलगढ़
कुंभलगढ़ किला अपनी विशाल दीवारों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
यह किला मेवाड़ राजवंश द्वारा बनवाया गया था और इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
यहां तक पहुंचने वाले रास्ते बेहद सुंदर हैं, जहां आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
कुंभलगढ़ फोर्ट रात में रोशन होता है, जिससे इसकी खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है।