
टॉय पूडल से लेकर डाचशुंड तक, जानिए सबसे लंबे समय तक जीने वाली कुत्तों की नस्लें
क्या है खबर?
कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे साथी माने जाते हैं। ये अपने मालिक के प्रति वफादार होते हैं और उन्हें खुश रखने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।
हालांकि, कुत्तों की उम्र इंसानों से कम होती है और ऐसे कई कारण होते हैं, जो उनके जीवनकाल को प्रभावित करते हैं।
आइए आज हम आपको कुत्तों की पांच नस्लों के बारे में बताते हैं, जो 15 से 20 साल तक जीवित रहती हैं।
#1
टॉय पूडल
टॉय पूडल एक छोटी कद वाली नस्ल है, जो अपनी समझदारी और फुर्ती के लिए जानी जाती है।
इस नस्ल के कुत्ते आमतौर पर 15 से 20 साल तक जीवित रहते हैं। टॉय पूडल को नियमित रूप से टहलाने की जरूरत होती है और इन्हें मानसिक रूप से सक्रिय रखने के लिए खेल खिलाने चाहिए।
इसके अलावा इन्हें संतुलित आहार और समय-समय पर डॉक्टर की जांच की जरूरत होती है ताकि ये स्वस्थ रहें।
#2
शिह त्ज़ु
शिह त्ज़ु एक छोटी कद वाली नस्ल है, जो अपने प्यारे चेहरे और लंबे बालों के लिए जानी जाती है।
इस नस्ल के कुत्ते आमतौर पर 10 से 16 साल तक जीवित रहते हैं। शिह त्ज़ु को नियमित कंघी की जरूरत होती है ताकि उनके बाल उलझे न रहें और उनकी त्वचा स्वस्थ रहे।
इसके अलावा इन्हें संतुलित आहार और समय-समय पर सफाई की जरूरत होती है ताकि ये साफ-सुथरे रहें।
#3
डच शेफर्ड
डच शेफर्ड एक मजबूत और सक्रिय नस्ल है, जो अपने काम करने की क्षमता के लिए जानी जाती है।
इस नस्ल के कुत्ते आमतौर पर 10 से 14 साल तक जीवित रहते हैं। डच शेफर्ड को नियमित व्यायाम की जरूरत होती है और इन्हें कुछ काम सौंपने चाहिए ताकि ये मानसिक रूप से सक्रिय रहें।
इसके अलावा इन्हें संतुलित आहार और समय-समय पर डॉक्टर की जांच की जरूरत होती है ताकि ये स्वस्थ रहें।
#4
जैक रसेल टेरियर
जैक रसेल टेरियर एक छोटी कद वाली नस्ल है, जो अपने ऊर्जा से भरपूर स्वभाव के लिए जानी जाती है।
इस नस्ल के कुत्ते आमतौर पर 13 से 16 साल तक जीवित रहते हैं। जैक रसेल टेरियर को नियमित व्यायाम की जरूरत होती है और इन्हें खेल खिलाने चाहिए ताकि ये खुश रहें।
इसके अलावा इन्हें संतुलित आहार और समय-समय पर सफाई की जरूरत होती है ताकि ये साफ-सुथरे रहें।
#5
डाचशुंड
डाचशुंड एक लंबी कद वाली नस्ल है, जो अपने अनोखे आकार और वफादारी के लिए जानी जाती है।
इस नस्ल के कुत्ते आमतौर पर 12 से 16 साल तक जीवित रहते हैं। डाचशुंड को नियमित टहलाने की जरूरत होती है और इन्हें सीढ़ियों पर चढ़ने-उतरने में मदद करनी पड़ती है ताकि उनकी पीठ स्वस्थ रहे।
इसके अलावा इन्हें संतुलित आहार और समय-समय पर डॉक्टर की जांच की जरूरत होती है ताकि ये स्वस्थ रहें।