दिल्ली में हर साल मानसून में क्यों आती है जलभराव की समस्या और क्या है समाधान?
क्या है खबर?
इस महीने की शुरुआत में भीषण गर्मी से जूझ रही दिल्ली अब बारिश से परेशान है।
एक ही दिन की बारिश से दिल्ली में कई जगह जलभराव हो गया, एयरपोर्ट के छत गिर गई, सड़कें जाम हो गईं, ट्रैफिक की हालत खराब हो गई और यहां तक कि मंत्रियों-सांसदों के बंगलों में भी पानी घुस गया। अब इस समस्या से निपटने के लिए बैठकें हो रही हैं।
आइए जानते हैं कि हर साल दिल्ली में जलभराव क्यों होता है।
वजह
क्या है वजह?
दरअसल, दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा अनियोजित तरीके से बना हुआ है। यहां बारिश के पानी को जमीन में भेजने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं, जिससे सड़कों पर पानी भर जाता है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी स्वीकार कर चुके हैं कि दिल्ली का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अनियोजित है, जिससे पानी को जमीन में सोखने के लिए बहुत कम या कोई जगह नहीं मिलती है।
प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक प्रदूषण भी है वजह?
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार, मूसलाधार बारिश के बाद जलभराव प्लास्टिक प्रदूषण के कारण होता है। साल भर प्लास्टिक के रैपर, बोतलें और कचरा नालियों में जमा रहता है। जब बारिश होती है तो कचरे की वजह से नालियों में पानी नहीं बह पाता है।
वियॉन के अनुसार, दिल्ली में लगभग 100 ऐसे स्थानों की पहचान की गई है, जहां अक्सर जलभराव होता हैं, लेकिन इन क्षेत्रों के लिए तैयारी आमतौर पर बहुत देर से की जाती है।
अधिकारी
अधिकारियों का क्या कहना है?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों और विशेषज्ञों ने अलग-अलग एजेंसियों, समन्वय की कमी, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, दोषपूर्ण वास्तुकला और बढ़ती आबादी को इसका कारण बताया है।
एक अधिकारी ने कहा, "विभागों के बीच समन्वय नहीं है। हम वर्षा जल नालियों का प्रबंधन करते हैं, लेकिन घरेलू सीवर का पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। इसके कारण नाली ओवरफ्लो हो जाती है और पानी सड़क पर आ जाता है।"
उन्होंने कहा, "कई बार कहने पर भी इसका समाधान नहीं निकला है।"
समाधान
क्या है समाधान?
रॉयटर्स के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि भारी बारिश के पानी को संग्रहीत करने और दिल्ली और बेंगलुरु जैसे घनी आबादी वाले शहरों में पानी की कमी को रोकने के लिए और अधिक झीलें और तालाब बनाने की जरूरत है।
नगर पालिकाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारी बाढ़ और बड़ी रुकावटों से बचने के लिए नालियां और नहरें खुली रहें। इसके लिए पार्किंग और अतिक्रमण पर सख्त नियम बनाने होंगे।
रिकॉर्ड
दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 88 सालों का रिकॉर्ड
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 27 जून की सुबह 8:30 से 28 जून की सुबह 8:30 बजे के बीच में दिल्ली में 228 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह साल 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।
1936 में 28 जून को 235.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। आमतौर पर दिल्ली में जून के महीने में औसतन 80.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन 24 घंटे में इससे 3 गुना ज्यादा बारिश हो गई है।