
कौन हैं IAS अधिकारी अशोक खेमका, जिन्होंने 34 साल की सेवा में देखे 57 तबादले?
क्या है खबर?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए हैं। खेमका अपने 34 साल के करियर में 57 तबादलों से चर्चा में आये हैं।
हरियाणा कैडर के खेमका अपने सेवाकाल के दौरान औसतन हर छह महीने में तबादला झेलने वाले इकलौते प्रशासनिक अधिकारी हैं।
वे हरियाणा के परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होंगे, जहां दिसंबर 2024 से तैनात थे।
आइए, जानते हैं कौन हैं IAS अशोक खेमका?
पहचान
खड़गपुर IIT से पढ़े हैं खेमका
वर्ष 1991 बैच के खेमका का जन्म अप्रैल 1965 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई वही से की।
इसके बाद 1988 में IIT खड़गपुर से कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की।
उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) से कम्प्यूटर विज्ञान में PhD और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एंड फाइनेंस में विशेषज्ञता के साथ MBA की डिग्री भी ली है।
उन्होंने सेवा में रहते हुए पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी।
कार्य
हरियाणा के 7 मुख्यमंत्रियों के साथ किया काम
खेमका ने अपने सेवाकाल मे हरियाणा के 7 मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया, जिसमें ओम प्रकाश चौटाला, भजन लाल, बंसी लाल, भूपिंदर सिंह हुडा, मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शामिल हैं।
खेमका को आमतौर पर एक ईमानदार IAS अधिकारी के तौर पर जाना जाता है, जो किसी के दबाव में आए बिना काम करते हैं।
ऐसे में पिछले 12 वर्षों के दौरान खेमका को ज्यादातर 'लो-प्रोफाइल' विभागों में तैनात किया गया है।
चर्चा
रॉबर्ट वाड्रा का भूमि सौदा रद्द करने से चर्चा में आए
खेमका 2012 में तब चर्चा में आए, जब उन्होंने सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की गुरुग्राम में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और DLF के बीच भूमि सौदे में कथित अनियमितता को उजागर किया और दाखिल खारिज रद्द कर दिया।
मामले में जांच जारी है और अभी तक सौदा मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
वाड्रा पिछले दिनों 2007-2008 के भूमि सौदे से जुड़ी जांच के लिए ED के समक्ष हाजिर हुए थे।
कार्यकाल
हमेशा कम महत्वपूर्ण विभाग दिए गए
खेमका को शुरुआती तैनाती के बाद ज्यादातर 'लो-प्रोफाइल' विभाग ही संभालने को दिए गए हैं।
वह चार बार अभिलेखागार विभाग में तैनात रह चुके हैं, जिसमें एक बार 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान और 3 बार भाजपा शासनकाल के दौरान।
उन्होंने पहले महानिदेशक और बाद में विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया है।
उन्होंने 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में काम कर भ्रष्टाचार को खत्म करने की पेशकश की थी।