
उत्तराखंड: ग्रामीण कुमाऊं में महिला ने UCC के तहत लिव-इन संबंध को पंजीकृत कराया
क्या है खबर?
उत्तराखंड के ग्रामीण कुमाऊं क्षेत्र में एक महिला ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत अपने लिव-इन संबंध को आधिकारिक रूप से पंजीकृत कराया है। इसके साथ ही वह यह कदम उठाने वाली इस क्षेत्र की पहली महिला बन गई हैं।
महिला ने ऑनलाइन आवेदन किया था और हल्द्वानी में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की।
बता दें कि यह UCC के तहत विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप दोनों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
प्रक्रिया
पंजीकरण प्रक्रिया और समय सीमा
SDM परितोष वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को पंजीकरण कराया गया। एक बच्चे वाली विधवा इस संभाग की पहली महिला है जिसने अपने लिव-इन रिलेशनशिप को कानून के तहत पंजीकृत कराया है।
27 जनवरी को UCC पोर्टल के शुभारंभ के बाद से 21 जोड़ों ने अपने लिव-इन संबंधों को इस कानून के तहत पंजीकृत कराया है।
UCC के अनुसार ऐसे दम्पतियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है, जिसका 30 दिनों के भीतर निपटारा करना आवश्यक है।
जिम्मेदारी
UCC के तहत प्राधिकारियों की जिम्मेदारियां
शहरों में जहां नगर निगम आयुक्त (रजिस्ट्रार) ऐसे आवेदनों पर कार्रवाई करते हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में SDM पंजीकरण का काम संभालते हैं।
यह प्रभाग यह सुनिश्चित करता है कि UCC के अंतर्गत सभी लिव-इन रिलेशनशिप का समय रहते पंजीकरण हो जाए, चाहे वे कहीं भी स्थित हों।
इस कानून को इस वर्ष जनवरी में एक समर्पित UCC पोर्टल के अनावरण के साथ लांच किया गया था। उत्तराखंड UCC लागू करने वाला पहला राज्य है।