'वंदे भारत एक्सप्रेस' नाम से जानी जाएगी 'ट्रेन 18', इसी सप्ताह शुरू हो सकता है संचालन
देश की सबसे तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ी 'ट्रेन 18' का नाम बदला जाएगा। 'ट्रेन 18' इस ट्रेन का कोडनेम था, जिसे अब बदलकर 'वंदे भारत एक्सप्रेस' किया जाएगा। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा की। यह ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी। दोनों शहरों के बीच की 755 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन आठ घंटे में तय करेगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सप्ताह इस ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं।
इतना होगा दिल्ली से वाराणसी तक का किराया
इस ट्रेन को चलाने के लिए इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर जनरल (EIG) औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है। दिल्ली और वाराणसी के बीच 'वंदे भारत एक्सप्रेस' केवल कानपुर और प्रयागराज में ही रुकेगी। किराए की बात करें तो इसके एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया Rs. 2,800-2,900 और चेयर कार का किराया Rs. 1,600-1,700 के बीच रखा गया है। बता दें, इस ट्रेन को दिसंबर में शुरू करने की योजना थी, लेकिन अभी तक इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है।
यूरोप की ट्रेनों की तर्ज पर तैयार हुई है 'वंदे भारत एक्सप्रेस'
लगभग Rs. 97 करोड़ की लागत वाली इस ट्रेन का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई द्वारा किया गया है। हर 'ट्रेन 18' में 4-4 कोच वाले चार सेट यानी कुल 16 कोच हैं। साथ ही इसमें दोनों तरफ लोकोपायलट केबिन लगे हैं। इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं होगी। सुविधाओं की बात करें तो इसमें ऑन-बोर्ड इन्फोटेनमेंटस, GPS आधारित यात्री सूचना प्रणाली, CCTV, ऑटोमेटिक स्लाइडिंग दरवाजे और जैव-शौचालय जैसी कई अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेंगी 'वंदे भारत एक्सप्रेस'
ट्रेन में दो एग्जीक्यूटिव कोच होंगे जिनमें 52-52 सीटें होंगी। बाकी कोच में 78-78 सीटें होंगी। रेलवे जल्द ही ऐसी और ट्रेनें पटरियों पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए ICF को मार्च तक ऐसी ही दो और ट्रेन बनाने के लिए कहा गया है। यह सेमी-हाईस्पीड ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह लेगी। पिछले महीने किए गए ट्रायल रन के दौरान कुछ असमाजिक तत्वों ने पत्थर फेंक कर इसका शीशा तोड़ दिया था।