सर्जिकल स्ट्राइकः लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा बोले- प्रचार का फायदा नहीं, चुपचाप स्ट्राइक करते तो बेहतर
उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक का इतना प्रचार ठीक नहीं है। मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में एक सेशन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति होने के आरोप है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से लगातार वीडियो और फोटो जारी कर इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया गया। बता दें, भारत ने जब सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जनरल हुड्डा सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख थे।
सर्जिकल स्ट्राइक का हुआ राजनीतिकरण- हुड्डा
सैन्य अभियानों का राजनीतिकरण ठीक नहीं- हुड्डा
यह पूछे जाने पर कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार का कोई फायदा मिला, हुड्डा ने कहा कि नहीं। उन्होंने कहा कि जब आप सैन्य अभियानों से राजनीतिक लाभ लेना शुरू कर देते हैं तो यह सही नहीं होता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस स्ट्राइक का असर भविष्य में किए जाने वाले अभियानों पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि जब आप सफल अभियान का प्रचार करते हैं तो सफलता का भी बोझ बन जाता है।
प्रधानमंत्री ने दी थी सर्जिकल स्ट्राइक की मंजूरी
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हुड्डा ने कहा कि आतंकी 2013 के बाद से लगातार सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे थे। सेना प्रमुख के साथ उरी जाने के बाद उन्होंने सोच लिया था कि कुछ करना होगा। उनकी योजना को प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंजूरी दे दी। हुड्डा ने कहा कि शुरुआत में सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार करना जरूरी था। इससे सैनिकों का हौसला बढ़ा, लेकिन इसका लगातार प्रचार किया जाता रहा है जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
प्रचार नहीं होता तो बेहतर था- हुड्डा
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का इतना प्रचार हुआ है। अगली बार अगर ऐसे अभियानों की इतनी सफलता नहीं मिली तो क्या होगा। हमें भविष्य में कुछ सावधानियां रखनी पड़ेंगी। अगर हमने इसका प्रचार नहीं किया होता तो ज्यादा बेहतर रहता।
पाकिस्तान अपने सैनिकों की मौत को मानता भी नहीं
लिटरेचर फेस्टिवल से अलग अमर उजाला को दिए इंटरव्यू में हुड्डा ने कहा कि जब भारत में सीमा पर जवान शहीद होते हैं तो पूरा देश शोक मनाता है, लेकिन पाकिस्तान, सीमा पर शहीद होने वाले जवानों को कभी क्लेम नहीं करता। उन्होंने कहा कि 2017 में पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तानी सेना से सीमा पर शहीद होने वाले जवानों का डाटा मांगा था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने यह डाटा देने से इनकार कर दिया।
उरी हमले के बाद भारत ने की थी सर्जिकल स्ट्राइक
सितंबर, 2016 में उरी में सेना कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले के बाद 11 दिन बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर लगभग 50 आतंकियों का सफाया कर दिया था। इस काम को अंजाम देने के लिए भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज के कमांडो पाकिस्तानी सीमा के तीन किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म 'उरीः द सर्जिकल स्ट्राइक' 11 जनवरी को रिलीज होगी।