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इस पूर्व एयरमैन ने अपनी जिंदगी भर की कमाई रक्षा मंत्रालय को दान दे दी, जानें

इस पूर्व एयरमैन ने अपनी जिंदगी भर की कमाई रक्षा मंत्रालय को दान दे दी, जानें

Jul 16, 2019
09:25 pm

क्या है खबर?

भारतीय वायु सेना से रिटायर हुए एयरमैन सीबीआर प्रसाद ने अपनी जिंदगी भर की कमाई रक्षा मंत्रालय को दान दी है। सुरक्षा बलों के लिए एक करोड़ आठ लाख रुपये दान करने वाले 74 वर्षीय प्रसाद ने ANI ने बताया, "मैंने 108 महीने तक भारतीय वायुसेना में नौकरी की। इसके बाद मुझे रेलवे में अच्छी नौकरी ऑफर हुई, लेकिन वह नौकरी मिली नहीं। मैंने जीवनयापन के लिए अपना मुर्गीपालन का काम शुरू किया, जिसमें अच्छा काम किया।"

दान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा चेक

प्रसाद ने कहा, "मैंने परिवार की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद सोचा कि जो मुझे रक्षाबलों से मिला है, उसे लौटाना चाहिए। मैंने रक्षाबलों को 1.08 करोड़ रुपये दान देने का फैसला किया। मैं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से सोमवार को मिला और उन्हें चेक सौंपा।" 30 सालों तक पॉल्ट्री फॉर्म का काम करने के बाद उन्होंने बच्चों की ट्रेनिंग के लिए 50 एकड़ में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बनाई है। प्रसाद ने नौ सालों तक एयर फोर्स में नौकरी की।

ट्विटर पोस्ट

रक्षामंत्री को चेक देते हुए प्रसाद

दान

प्रसाद ने अपनी संपत्ति का 97 प्रतिशत हिस्सा दान किया

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस दान के पीछे उनके परिवार की सहमति थी तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने अपनी संपत्ति का दो प्रतिशत हिस्सा अपनी बेटी और एक प्रतिशत हिस्सा अपनी पत्नी के नाम किया हुआ है। उन्होंने कहा कि बाकी का बचा 97 फीसदी हिस्सा वो समाज को वापस दे रहे हैं। प्रसाद ने बताया कि राजनाथ सिंह ने उनके इस योगदान पर खुशी जताई थी।

प्रेरणा

कहां से आया आया आईडिया?

प्रसाद ने बताया कि जब वो 20 साल की उम्र में एयर फोर्स में काम कर रहे थे तब एक कार्यक्रम में कोयबंटूर से जीडी नायडू को मुख्यअतिथि के तौर पर बुलाया गया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि भारत इसलिए महान देश है क्योंकि यहां के संतों ने कहा कि जब व्यक्ति की पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी हो जाए तो उन्हें समाज को कुछ लौटाना चाहिए। इसी से उन्हें अपनी संपत्ति दान देने की प्रेरणा मिली।

संघर्ष

ओलंपिक मेडल जीतना चाहते थे प्रसाद

प्रसाद का सपना था कि वो देश के लिए ओलंपिक मेडल जीते, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका। अब वो पदक जीतने के लिए बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। जब उन्होंने घर छोड़ा तब उनके पास पांच रुपये थे और उन्होंने मेहनत से 500 एकड़ जमीन खरीद ली है। इसमें से 10 एकड़ जमीन उन्होंने अपनी बेटी और 5 एकड़ अपनी पत्नी के नाम कर दी है। बाकी पूरी राशि उन्होंने दान की है।