प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे, स्वागत को पहुंची प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी 2 दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंच गए। यहां उनका स्वागत प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने किया। इस दौरान मॉरीशस की पूरी कैबिनेट और अन्य VVIP मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस पहुंचते ही एक्स पर लिखा, 'मॉरीशस में अपने मित्र, प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का आभारी हूं, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मेरा विशेष स्वागत किया। यह यात्रा मूल्यवान मित्र से मिलने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक शानदार अवसर है।'
स्वागत
प्रधानमंत्री के स्वागत को कौन-कौन पहुंचा?
प्रधानमंत्री मोदी के मॉरीशस हवाई अड्डा पहुंचते ही वहां के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने उनको माला पहनाई और गले मिले। इस दौरान मोदी को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया।
उनके स्वागत में मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, नेशनल असेंबली के स्पीकर, विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री, कैबिनेट सचिव, ग्रैंड पोर्ट डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के अध्यक्ष समेत कैबिनेट के 34 मंत्री, सांसद और धार्मिक नेता समेत कुल 200 VVIP लोग मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी यात्रा पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
दौरा
मॉरीशस में प्रधानमंत्री मोदी का क्या है कार्यक्रम?
प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात करेंगे। इसके बाद उनकी प्रधानमंत्री रामगुलाम से द्विपक्षीय वार्ता होगी।
मोदी क्षमता निर्माण और समुदाय आधारित ढांचागत परियोजनाओं समेत 20 से अधिक भारत निर्मित परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें सिविल सर्विसेज कॉलेज, 20 सामुदायिक परियोजना और एरिया हेल्थ सेंटर शामिल है।
वे 12 मार्च को होने वाले राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेंगे। इसी दिन वे लाइन ऑफ क्रेडिट समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
पिछली यात्रा
इससे पहले कब मॉरीशस गए थे मोदी?
इससे पहले मोदी ने 1998 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में मोका में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मॉरीशस का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री बनने के बाद वे 2015 में मॉरीशस गए थे। उस यात्रा के दौरान उन्होंने SAGAR (Security and Growth for All in the Region) यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास की घोषणा की थी, जो हिंद महासागर में समुद्री सहयोग का भारत का सिद्धांत है।