प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, ऐसे बनेगा हर नागरिक का यूनिक हेल्थ कार्ड
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की शुरुआत की। इसके तहत भारत के सभी नागरिकों को आधार कार्ड की तरह एक यूनिक डिजिटल हेल्थ ID मिलेगी। मिशन को लॉन्च करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे अस्पतालों में इलाज में लगने वाला समय बर्बाद नहीं जाएगा। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसका ऐलान किया था
आगे बढ़ते भारत के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मिशन की शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इस मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि 21वीं सदी में आगे बढ़ते भारत के लिए आज का दिन बेहद अहम है। बीते सात सालों से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का जो अभियान देश में चल रहा है, वो आज से नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
ये हैं मिशन के चार मुख्य स्तंभ
इस मिशन के चार मुख्य स्तंभ हैं। इनमें नागरिकों की यूनिक डिजिटल हेल्थ ID बनाना, स्वास्थ्य पेशेवरों की रजिस्ट्री, स्वास्थ्य केंद्रों की रजिस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड तैयार करना शामिल है। इसका पहला लक्ष्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक डिजिटल व्यवस्था तैयार करना है। आगे चलकर फार्मेसी और टेलीमेडिसीन को भी इसमें जोड़ा जा सकता है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लद्दाख, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में शुरू किया गया था।
क्या है यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड?
इस मिशन के तहत हर नागरिक की यूनिक डिजिटल हेल्थ ID बनाई जाएगी। यह आधार की तरह दिखने वाला एक कार्ड होगा, जिसके लिए आधार या मोबाइल नंबर के जरिये रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके साथ ही हर नागरिक का इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से डॉक्टर यूनिक हेल्थ ID डालकर उस व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री चेक कर सकेंगे। फिर मरीजों को डॉक्टरों के पास पर्चियां और फाइल लेकर नहीं जाना होगा।
कैसे बनेगा हेल्थ कार्ड?
अगर आप अपना यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाना चाहते हैं तो आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहां 'क्रिएट हेल्थ ID' के विकल्प पर टैप करते ही कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सबसे पहले आपको आधार कार्ड या मोबाइल नंबर डालकर सत्यापन करना होगा। इसके बाद एक फोटो, जन्मतिथि और पत्ते समेत कुछ जानकारियां भरनी होंगी। ये सारी जानकारियां जमा करने के बाद आपका हेल्थ आईडी कार्ड बनकर आ जाएगा।
अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे में लाने का प्रयास
सरकार का कहना है कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में मरीज की पहचान के लिए यूनिक ID एक मानक प्रक्रिया है। इसके जरिये मरीज की पहचान और उसका सत्यापन हो सकेगा। साथ ही एक क्लिक पर उसकी सारी जानकारी सामने आ जाएगी। देश के आकार और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूदा सुविधाओं को देखते हुए फिलहाल इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा, लेकिन सरकार अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे में लाने का प्रयास कर रही है।