सुशांत मामला: NBSA ने असंवेदनशील कवरेज के लिए न्यूज चैनलों को माफी मांगने के लिए कहा
समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (NBSA) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में असंवेदनशील कवरेज को लेकर कई बड़े समाचार चैनलों को फटकार लगाई गई है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार NBSA ने अभिनेता की गरिमा को ठेस पहुंचाने लेकर न्यूज चैनलों को माफी मांगने के लिए भी कहा है। इसी तरह अभिनेता से जुड़ी एक फर्जी ट्वीट को टेलीकास्ट करने को लेकर प्रमुख समाचार चैनल 'आजतक' पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
समाचारों के जरिए भंग नहीं करनी चाहिए मृतकों की गोपनीयता- NBSA
NBSA को मामले में सबसे अधिक शिकायतें 'आजतक' के खिलाफ मिली थी। चैनल ने इंडिया टीवी के साथ सुशांत के शव की फोटो और वीडियो को प्रकाशित किया था। NBSA ने कहा कि चैनलों को सार्वजनिक हित में खबरें प्रसारित करनी चाहिए और इसमें यह विशेष तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रसारित किए जा रहे समाचार से मृतकों की गोपनीयता भंग न हो। मृतकों को अनावश्यक रूप से कवरेज का केंद्र बिंदू नहीं बनाया जाना चाहिए।
आजतक और इंडिया टीवी ने प्रसारित की सुशांत सिंह के शव की तस्वीरें
मामले में आजतक ने अभिनेता के शव की तस्वीरें प्रसारित और गला घोंटने के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े के रंग के साथ-साथ मरने के लिए इस्तेमाल की गई विधि का भी वर्णन किया था। इंडिया टीवी ने बताया कि कैसे उसके होंठों का रंग बदला और उसकी गर्दन पर निशान पड़ गए। अब दोनों चैनलों को माफी मांगने को कहा गया है। न्यूज नेशन ने भी शव का प्रसारण किया, लेकिन बाद में गलती मानते हुए रोक दिया था।
आजतक ने सुशांत के तीन फर्जी ट्वीट दिखाए
आजतक ने छानबीन किए बिना ही तीन ट्वीट का टेलीकास्ट कर दिया और उनके अभिनेता का ही होने का दावा किया। चैनल ने दावा किया कि अभिनेता 14 जून को अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ट्वीट किया था। बाद में चैनल ने ट्वीट हटा दिए और लेख को वापस ले लिया। NBSA ने चैनल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि ट्वीट को प्रसारित करने से पहले उसका पूरी तरह से सत्यापन किया जाना आवश्यक था।
"सुशांत के घर में घुसना और दुखी परिवार से सवाल करना गलत था"
NBSA ने आजतक ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया और कहा कि खबरों के लिए जानकारी कई स्रोतों से जुटानी चाहिए थी। नियमों के अनुसार तथ्य की त्रुटियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए, सही तथ्य का प्रमुखता से प्रसारण किया जाना चाहिए, लेकिन आजतक इसमें पूरी तरह से विफल रहा। इसी तरह चैनल ने NBSA दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अभिनेता के घर में घुसकर हंगाम किया और शोक संतृप्त परिवार पर सवाल खड़े किए।
असंवेदनशील टैगलाइन के उपयोग को लेकर की समाचार चैनलों की आलोचना
NBSA ने कहा कि सुशांत के चचेरे भाई का साक्षात्कार लेने के लिए ABP न्यूज के पत्रकारों का व्यवहार अच्छा था, क्योंकि उसने स्वेच्छा से सहमति दे दी थी। इसके अलावा, समाचार चैनलों द्वारा उपयोग की गई टैगलाइने बहुत खराब और बेहद आक्रामक थी। आजतक का "हिट-विकेट" टैगलाइन, जी न्यूज की "पटना का सुशांत, मुंबई में फेल क्यूं?" और News24 की टैगलाइन बेहर अपमानजनक और मृतक की गरिमा को प्रभावित करने वाली थी।
बिना टैगलाइन के कार्यक्रम प्रसारित करने पर नहीं होता दिशानिर्देशों का उल्लंघन
NBSA ने कहा कि अगर आजतक, जी न्यूज और न्यूज 24 द्वारा दिखाए गए कार्यक्रम इस तरह की टैगलाइन के बिना होते, तो हो सकता है कि यह मृतक की गोपनीयता, सनसनीखेज और गरिमा से संबंधित दिशानिर्देशों का उल्लंघन न होता। हालांकि, चूंकि कार्यक्रम में उपरोक्त टैगलाइनों को चलाया गया था, इसलिए NBSA का मानना था कि उक्त प्रसारकों ने सूचना को कवर करने के लिए बनाए गए विशिष्ट दिशानिर्देश का उल्लंघन किया है।
सुशांत मामले की कवरेज में सामने आया टीवी मीडिया का सबसे खराब चेहरा
सुशांत सिंह की मौत का मामला कई सप्ताह तक समाचारों की सुर्खियों में रहा और एक वक्त यह बहुत ही वमनकारी हो गया था। अभिनेता के परिवार द्वारा प्रेमिका रिया चक्रवर्ती पर ड्रग्स के दुरुपयोग, धोखाधड़ी और हत्या के आरोप लगाए जाने के बाद कवरेज और अधिक परेशानीदायक हो गया। मीडियाकर्मियों ने मुंबई में कारों का पीछा किया, न्यूज एंकर्स स्टूडियो में चिल्लाए और आखिरकार नैतिक पत्रकारिता का सबसे खराब चेहरा सामने आ गया।