अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चढ़ाएंगे चादर
क्या है खबर?
राजस्थान के अजमेर में शिव मंदिर होने के दावे के बीच ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह शरीफ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वीं बार चादर चढ़ाएंगे, जिसे केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू लेकर जाएंगे।
रिजिजू शनिवार 4 जनवरी को सुबह 7:15 बजे जयपुर हवाई अड्डा पहुंचेंगे और सड़क मार्ग से अजमेर जाएंगे। सुबह 11 बजे दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाने की रस्म होगी।
इस दौरान रिजिजू दरगाह के वेब पोर्टल और 'गरीब नवाज' मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ करेंगे।
परंपरा
हर साल प्रधानमंत्री भेजते हैं चादर
अजमेर दरगाह के गद्दी नशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले 10 सालों से अजमेर दरगाह पर चादर भेज रहे हैं। इस बार वह 11वीं बार चादर भेजेंगे।
यह परंपरा 1947 से शुरू हुई है, जिसके तहत हर साल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर प्रधानमंत्री की चादर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई जाती है।
चादर को पारंपरिक रूप से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री लेकर आते हैं औऱ एकता-सद्भाव के लिए प्रार्थना करते हैं।
उर्स
गुरुवार से शुरू होगा उर्स
दरगाह के मौलवी सैयद मुन्नवर चिश्ती ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना 813वां उर्स बुधवार को चांद दिखने के साथ शुरू हो गया है।
साथ ही साल में सिर्फ 4 बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी खोल दिया गया है, जो अगले 6 दिनों तक खुला रहेगा। इसकी जायरीन (तीर्थ यात्री) में काफी मान्यता है।
दरगाह के नए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप से श्रद्धालुओं को कार्यक्रम, गेस्ट हाउस बुकिंग, लाइव दर्शन और अन्य सुविधाएं-जानकारी मिलेंगी।
विवाद
अजमेर में क्या चल रहा है विवाद?
अजमेर की एक कोर्ट द्वारा प्रसिद्ध दरगाह के सर्वेक्षण की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार करने के बाद विवाद शुरू हो गया है।
हिंदू याचिकाकर्ता ने दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने का दावा किया है। इसके बाद हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री से चादर न भेजने का आग्रह किया था।
विवाद को देखते हुए इस बार उर्स में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है और भारी पुलिस बल तैनात है। मामले में सुनवाई 24 जनवरी को होगी।