कंगना रनौत ने नरेंद्र मोदी के साथ देखी 'द साबरमती रिपोर्ट', फिल्म देखकर क्या बोलीं अभिनेत्री?
विक्रांत मैसी की फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' इन दिनों सिनेमाघरों में लगी हुई है। भले ही बॉक्स ऑफिस पर यह कमाल न दिखा रही हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक ने इसका समर्थन किया है। बीते दिन यानी 2 दिसंबर को संसद भवन में इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई, जिसमें माेदी समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। कंगना रनौत भी इसमें शामिल हुईं। फिल्म देखने के बाद क्या बोलीं कंगना, आइए जानें।
कंगना ने लगे हाथ यूं कसा कांग्रेस सरकार पर तंज
कंगना ने फिल्म को महत्वपूर्ण बताया और ऐतिहासिक घटनाओं के फिल्मांकन के लिए निर्माताओं की सराहना की। उन्होंने ANI से कहा, "यह एक बेहद महत्वपूर्ण फिल्म है, जो देश के इतिहास पर प्रकाश डालती है। पिछली सरकार द्वारा छिपाए गए तथ्यों को उजागर करती है और इसमें शामिल राजनीति को दर्शाती है। फिल्म दिखाती है कि कैसे लोगों ने उस समय ऐसी गंभीर स्थिति में राजनीति की। कैसे कांग्रेस सरकार ने लोगों की चिताओं की आग पर राजनीतिक रोटियां सेकी।"
...जब कंगना ने विक्रांत के लिए किया था अपमानजनक ट्वीट
बता दें कि साल 2021 में यानी 3 साल पहले की बात है, जब यामी गौतम ने अपनी शादी की तस्वीरें साझा की थीं और विक्रांत ने मजाकिया अंदाज में उनकी टांग खींची और उन्हें कहा था, 'राधे मां की तरह शुद्ध और पवित्र।' यह कंगना को कतई पसंद नहीं आया, जो हिमाचल प्रदेश से हैं, उन्होंने विक्रांत के कमेंट का जवाब दिया और उन्हें 'कॉकरोच' कहा। कंगना ने लिखा था, 'कहां से निकला ये कॉकरोच। लाओ मेरी चप्पल।'
मोदी के साथ फिल्म देख सातवें आसमान पर विक्रांत
स्क्रीनिंग में विक्रांत भी मौजूद थे। इस बारे में बात करते हुए अभिनेता ने बताया, "मैंने प्रधानमंत्री और सभी कैबिनेट मंत्रियों और कई सांसदों के साथ फिल्म देखी। यह एक खास अनुभव था। मैं इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाऊंगा, क्योंकि मैं बहुत खुश हूं। यह सचमुच मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुझे प्रधानमंत्री के साथ अपनी फिल्म देखने का मौका मिला।" उधर मोदी ने फिल्म और इसे बनाने के लिए निर्माताओं के प्रयासों की सराहना की।
गोधरा कांड पर आधारित है 'द साबरमती रिपोर्ट'
'द साबरमती रिपोर्ट' गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित है। 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से अहमदाबाद जा रही थी, जिसमें ज्यादातर हिंदू तीर्थयात्री सवार थे। इस ट्रेन के एक कोच में कुछ लोगों ने आग लगा दी थी और इस घटना में 59 लोगों की जान चली गई। इसके चलते पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। इस घटना और दंगों को हिंदी और अंग्रेजी मीडिया ने कैसे दिखाया, फिल्म इसी को दिखाती है।