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    जीत के बाद मोदी के लिए बदल गई 'टाइम', बताया भारत को एकजुट करने वाला नेता
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    देश 1 मिनट में पढ़ें

    जीत के बाद मोदी के लिए बदल गई 'टाइम', बताया भारत को एकजुट करने वाला नेता

    लेखन प्रमोद कुमार
    May 29, 2019
    12:21 pm
    जीत के बाद मोदी के लिए बदल गई 'टाइम', बताया भारत को एकजुट करने वाला नेता

    नरेंद्र मोदी के लिए 'टाइम' बदल गया है। लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी को भारत का 'डिवाइडर-इन-चीफ' बताने वाली मशहूर पत्रिका टाइम ने अब उन्हें भारत को एकजुट करने वाला नेता बताया है। मंगलवार को पत्रिका की वेबसाइट पर 'मोदी हेज यूनाइटेड इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डिकेड्स' की हेडलाइन के साथ आर्टिकल पब्लिश हुआ है। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे भारत को एकजुट किया है, वैसा दशकों से कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया।

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    मोदी ने वर्ग विभाजन की रेखा को मिटाया- टाइम

    इस आर्टिकल में पूछा गया है, 'कैसे एक कथित विभाजनकारी व्यक्ति ने केवल सत्ता में लौटने में कामयाब हुआ बल्कि अपना समर्थन भी बढ़ाया है?' इसके जवाब में लिखा है, 'मोदी ने वर्ग विभाजन की रेखा को पार पाने में कामयाबी हासिल की है।' इसके लेखक मनोज लाडवा ने लिखा कि पिछड़े वर्ग से आने वाले मोदी का एकजुट करने वाले नेता के तौर पर उभार पश्चिमी मीडिया जानबूझकर नजरअंदाज करता है।

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    मोदी जैसा नेता दशकों से नहीं आया

    अपने आर्टिकल में लाडवा लिखते हैं कि नरेंद्र मोदी भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूह में पैदा हुए थे। उन्होंने आगे लिखा कि उनका शीर्ष पर पहुंचना कामकाजी वर्ग की महत्वकांक्षा को दिखाता है। नेहरु-गांधी परिवार के विपरित नरेंद्र मोदी खुद को देश के सबसे गरीब लोगों से जोड़ सकते हैं। उन्होंने लिखा कि पिछले पांच दशकों में नरेंद्र मोदी की तरह कोई भी प्रधानमंत्री देश के मतदाताओं को एकजुट नहीं कर पाया था।

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    मोदी सरकार के लिए आर्थिक सुधारों की जरूरत

    इस आर्टिकल को लिखने वाले मनोज लाडवा ब्रिटिश की मीडिया कंपनी इंडिया इंक के संस्थापक और CEO हैं। इस आर्टिकल के अलावा बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान बड़ी अधिकारी रही एलेसा एयरेस ने भी चुनावों के बाद का विश्लेषण किया है। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद उन्हें बड़े स्तर पर आर्थिक सुधारों पर जोर देना चाहिए। उन्होंने लिखा कि विकास कार्यों को भी अब रफ्तार मिलेगी।

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    चुनावों के दौरान बताया था 'डिवाइडर-इन-चीफ'

    टाइम ने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कैरिकैचर के साथ कवर स्टोरी की थी, जिसमें उन्हें 'इंडियाज डिवाइडर इन चीफ' बताया गया था। पत्रिका ने सवाल पूछा था कि क्या भारत उनकी सरकार के पांच और साल झेल सकता है।

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    'लोकतंत्र में पहले से ज्यादा विभाजन'

    पत्रिका में आतिश तासीर द्वारा लिखे आर्टिकल में लिखा गया था, "दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सबसे ज्यादा बंटा हुआ है।" इस आर्टिकल में भीड़ द्वारा हत्याएं, योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना और बम धमाकों के मामलों में जमानत पर बाहर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल से भाजपा का उम्मीदवार बनाना आदि मुद्दों के बारे में लिखा गया था। आर्टिकल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को कमजोर बताया गया था।

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    पहले भी टाइम के कवर पर दिख चुके हैं मोदी

    यह पहली बार नहीं था जब प्रधानमंत्री मोदी को टाइम के कवर पर जगह मिली। इससे पहले पत्रिका ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू छापा था। इस अंक के कवर पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो और इसकी हेडलाइन 'व्हाई मोदी मैटर्स' थी। इससे पहले 2012 में टाइम ने अपने एक लेख में मोदी को विवादित, महत्वाकांक्षी और एक चतुर राजनेता बताया था। बता दें, नरेंद्र मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

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