
मणिपुर के राज्यपाल का अल्टीमेटम, लूटे गए हथियारों को 7 दिन में वापस करें
क्या है खबर?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू है, जिसके तहत राज्यपाल अजय भल्ला ने गुरुवार को नया आदेश जारी किया है।
राज्यपाल ने सभी समुदायों को अल्टीमेटम दिया है कि वे लूटे गए और अवैध रूप से रखे हथियारों को 7 दिनों के भीतर पुलिस को सौंप दें।
उन्होंने कहा है कि अगर अल्टीमेटम का पालन कर हथियारों को वापस कर दिया जाता है, तो उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।
इस्तीफा
9 फरवरी को बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा
9 फरवरी को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय भल्ला को इस्तीफा सौंप दिया था। इससे पहले वे गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे।
10 फरवरी से मणिपुर विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला था। कांग्रेस ने कहा था कि वो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
माना जा रहा था कि बीरेन सिंह के प्रति भाजपा विधायकों की नाराजगी के चलते भाजपा को सरकार गिरने का डर था।
मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है।
आदेश
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल भल्ला ने आदेश जारी कर कहा, "लोग अपनी सामान्य दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर लौंट सके, इसके लिए सामान्य स्थिति बहाल करने के हित में, सभी समुदायों को शत्रुता समाप्त करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मैं सभी समुदायों, खासकर घाटी-पहाड़ियों के युवाओं से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे स्वेच्छा से आकर लूटे गए और अवैध हथियारों, गोला-बारूद को 7 दिन में पुलिस स्टेशन, चौकी, सुरक्षा बलों के शिविर में जमा करें।"
कार्रवाई
नहीं होगी कोई कार्रवाई, 7 दिन बाद लेंगे एक्शन- राज्यपाल
राज्यपाल ने आगे कहा, "मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यदि ऐसे हथियार निर्धारित समय के भीतर वापस कर दिए जाते हैं तो कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। इसके बाद, ऐसे हथियार रखने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा कि पिछले 20 महीने से अधिक समय से मणिपुर के घाटी और पहाड़ी के लोगों को सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली कई दुखद घटनाओं के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हिंसा
मणिपुर में मई 2023 से जारी है हिंसा
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई, 2023 से हिंसा जारी है, जो हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद भड़क उठी थी।
इस हिंसा के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 1,500 से ज्यादा जख्मी हुए हैं और करीब 60,000 को घर छोड़ना पड़ा है।
अब तक 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा से चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हिंसा रुक-रुककर जारी है।