क्या है दिल्ली स्थित अमर जवान ज्योति? जानिए इसका इतिहास
देश की राजधानी दिल्ली स्थित अमर जवान ज्योति की लौ बुझा दी जाएगी, क्योंकि इसकी लौ का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में किया जा रहा है। केंद्र सरकार के मुताबिक अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा, बल्कि उसे युद्ध स्मारक की ज्वाला में विलीन किया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अमर जवान ज्योति का क्या इतिहास है।
अमर जवान ज्योति का इतिहास
साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चला, जिसमें भारत की सम्मानजनक जीत हुई। इस युद्ध के बाद युद्ध में शहीद हुए 3,800 से ज्यादा सैनिकों की याद में एक अमर ज्योति जलाने का फैसला हुआ। 26 जनवरी, 1972 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 23वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया। बता दें, इससे पहले इंडिया गेट के नीचे से गाड़ियां चलती थी।
अमर जवान ज्योति के चारों ओर जलती थी लौ
काले पत्थर से बनी अमर जवान ज्योति के चारों ओर "अमर जवान" लिखा हुआ है। इसके ऊपर L1A1 सेल्फ लोडिंग राइफल रखी है, जिसके ऊपर सैनिक का हेलमेट किसी ताज की तरह रखा है। इस पटल के चारों ओर रखे चार कलशों में साल 1971 से ज्योति जलती है। सालभर केवल एक कलश में लौ जलती है। वहीं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चारों कलशों में लौ जलाई जाती है।
अमर जवान ज्योति इसलिए है खास
अमर जवान ज्योति स्थल पर शहीदों के नाम लिखे हुए हैं। यहां पर हर साल देश की रक्षा में जान देने वाले शहीदों को याद किया जाता है। साल 1971 के बाद से हर गणतंत्र दिवस की परेड से पहले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्य गणमान्य यहां पर माल्यार्पण करते थे। आपको बता दें कि फरवरी 2019 के बाद से यहां की परंपरा को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट कर दिया गया है।
मशाल को शिफ्ट करने की वजह क्या है?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहले देश के लिए अलग-अलग युद्धों और संघर्षों में शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई स्मारक नहीं था। इसलिए इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति जलती थी। अब इसके लिए एक समर्पित म्यूजियम और स्मारक है। इसलिए अब से अमर जवान ज्योति, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलेगी। बता दें कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनने के बाद राजनेता और सैन्य अधिकारी इंडिया गेट पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित नहीं करते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अमर जवान ज्योति पर लौ को जलाए रखने के लिए 2006 तक लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) का इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद अब पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) का इस्तेमाल होता है। इसके लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग से लेकर ज्योति तक पाइपलाइन बिछाई गई है।
इंडिया गेट पर लगेगी नेताजी की मूर्ति
अमर जवान ज्योति की लौ को शिफ्ट करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बड़ा ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि अब यहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी। 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नेताजी की हॉलोग्राम मूर्ति का अनावरण करेंगे। यह मूर्ति तब तक रहेगी जब तक असली मूर्ति तैयार नहीं हो जाती। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति इंडिया गेट और स्मारक के बीच खाली पड़ी छतरी में लगेगी।