
पुणे पोर्शे हादसा: नशे में धुत कार चालक पर व्यस्क की तरह नहीं चलेगा मुकदमा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के पुणे में पोर्शे कार हादसा मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने मंगलवार को आरोपी पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाने से मना कर दिया है। पुणे पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बोर्ड से आरोपी के खिलाफ व्यस्क की तरह मुकदमा चलाने की मांग की थी। बोर्ड ने कहा कि घटना के समय आरोपी 17 साल का था (अब 18 साल से अधिक), इसलिए उसपर किशोर न्याय अधिनियम के तहत नाबालिग की तरह मुकदमा चलेगा।
सुनवाई
कोर्ट में क्या हुई बहस?
सुनवाई में विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरय ने तर्क दिया कि 17 वर्षीय किशोर नशे में था और उस पर खून के नमूनों से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है। उन्होंने कहा कि दोनों अपराध किशोर न्याय अधिनियम के तहत जघन्य हैं। बचाव पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किशोर न्याय अधिनियम पुनर्वास के लिए है। उन्होंने कहा कि वयस्क की तरह मुकदमा चलाना किशोर न्याय की भावना के विरुद्ध होगा।
घटना
क्या है मामला?
19 मई, 2024 को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्शे कार से नाबालिग ने बाइक सवार महिला-पुरुष को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। मामले में नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने सिर्फ निबंध लिखने की सजा दी, जिसका खूब विरोध हुआ। इसके बाद आरोपी की जमानत रद्द हुई। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत दी। मामले में किशोर के पिता, डॉक्टर अजय टावरे, श्रीहरि हलनोर, अस्पताल कर्मचारी अतुल घाटकांबले और दो बिचौलिए जेल में हैं।