केरल: तालाब में नहाने से मस्तिष्क को खाने वाले अमीबा का शिकार हुए 3 लोग
केरल के तिरुवनन्तपुरम में मस्तिष्क को खाने वाले अमीबा (अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) से पीड़ित 3 लोगों का पता चला है। तीनों पीड़ित तालाब में नहाने से संक्रमण के संपर्क में आए हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मामले की जानकारी देते हुए लोगों को सतर्क किया है। फिलहाल तीनों का तिरुवनन्तपुरम मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। केरल सरकार ने तालाब का पानी उपयोग करने वालों के लिए भी सलाह जारी की है।
सरकार ने क्या दी है सलाह?
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस एक दुर्लभ और अक्सर घातक रोग है जो अमीबा नेग्लेरिया फाउलेरी के कारण होता है। इसे आमतौर पर अमीबिक ब्रेन फीवर के रूप में जानते हैं। सरकार ने सलाह दी है कि जिन तालाबों में जानवर नहाते हैं या जिनमें जलकुंभी है, उसमें नहाने से बचें और पानी का उपयोग न करें और न ही चेहरा धोएं। इसके किटाणु नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं।
जुलाई में हुई है एक बच्चे की मौत
तिरुवनन्तपुरम में जुलाई की शुरूआत में एक 14 वर्षीय बच्चे की अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस से मौत की पुष्टि हुई थी। मई के बाद जुलाई में बीमारी का यह चौथा मामला था, जिसमें सभी बच्चे थे। यह बीमारी इससे पहले 2023 और 2017 में केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में देखी गई थी। इसके बाद शासन ने जागरुकता बढ़ाई थी। सरकार ने सिरदर्द, बुखार, उल्टी और गले में अकड़न होने पर चिकित्सक से मिलने को कहा है।