कर्नाटक: राज्यपाल ने 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा से जुड़े अध्यादेश को वापस लौटाया
कर्नाटक में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के 60 प्रतिशत साइन बोर्ड पर कन्नड़ भाषा के उपयोग को अनिवार्य बनाने से संबंधित अध्यादेश को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है। इंडिया टुडे के मुताबिक, कर्नाटक कैबिनेट ने 5 जनवरी को कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी थी और राज्यपाल के पास भेजा था। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्यपाल द्वारा अध्यादेश वापस भेजे जाने का खुलासा किया है।
शिवकुमार ने पूछा- जनता ने आपत्ति नहीं जताई तो
रिपोर्ट के मुताबिक, शिवकुमार ने कहा कि राज्यपाल ने ऐसा क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन उनसे इसे स्वीकार करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि अब इसे विधानसभा में रखा जाएगा और पारित किया जाएगा। जनता ने इस अध्यादेश पर आपत्ति नहीं जताई है। शिवकुमार ने सवाल किया कि किसी भी पार्टी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई है तो इसे खारिज क्यों किया गया है।
अध्यादेश में दिया गया था फरवरी तक का समय
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने फरवरी, 2024 के अंत तक सभी प्रतिष्ठानों को साइन बोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा लिखने का आदेश दिया था। इसके बाद कन्नड समर्थक संगठनों ने कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन कर सभी साइन बोर्ड कन्नड़ भाषा में लगाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ भी की थी। सरकार ने हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद अध्यादेश को आगे बढ़ाया। अध्यादेश साइन बोर्ड के ऊपरी हिस्से में कन्नड़ को अनिवार्य करता है।