अब JNU में धरना देने पर लगेगा 20,000 रुपये का जुर्माना, हिंसा की तो दाखिला रद्द
क्या है खबर?
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अब धरना-प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब विरोध-प्रदर्शन और धरना देने वाले छात्रों को 20,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
विश्वविद्यालय ने विरोध-प्रदर्शन रोकने के लिए 17 नियमों वाली गाइडलाइंस जारी की हैं, जो 3 फरवरी से लागू भी हो गईं।
बता दें कि JNU अक्सर विरोध-प्रदर्शनों की वजह से देशभर में चर्चा में रहता है।
जुर्माना
हिंसा करने पर 30,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान
विश्वविद्यालय की तरफ से जारी 10 पेज की गाइडलाइंस में 17 तरह के अपराधों का जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, अगर कोई छात्र परिसर में विरोध-प्रदर्शन करता है तो उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके साथ ही अगर छात्र परिसर में हिंसा करेगा तो उसका दाखिला रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
शिकायत
अभिभावकों को भेजी जाएगी शिकायत की कॉपी
विश्वविद्यालय ने जिन 17 अपराधों के लिए सजा तय की है, उनमें जुआ खेलना, हॉस्टल के कमरों पर कब्जा करना, भूख हड़ताल करना, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना, धोखाधड़ी और विश्वविद्यालय परिसर के किसी हिस्से को ब्लॉक करना जैसे काम शामिल हैं।
अगर छात्र इन अपराधों में दोषी पाया जाता है तो इसकी शिकायत की एक कॉपी माता-पिता को भी भेजी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि छात्र ने क्या अपराध किया है।
शिक्षक
शिकायत निवारण समिति करेगी शिक्षकों से जुड़े मामलों की सुनवाई
ऐसे मामले जिनमें छात्रों के साथ शिक्षक भी शामिल होंगे, उनकी सुनवाई केंद्रीय स्तर की शिकायत निवारण समिति करेगी। यौन शोषण, लड़कियों से छेड़छाड़, रैगिंग और सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करने वाले मामलों की सुनवाई विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में होगी।
गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि सुनवाई के दौरान आरोपियों या शिकायतकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कोई तीसरा पक्ष नहीं कर सकेगा। ये सभी नियम विश्वविद्यालय के पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों तरह के छात्रों पर लागू होंगे।
BBC
BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर JNU में हुआ था विवाद
JNU परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को लेकर खूब विवाद हुआ था। विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने 25 जनवरी को परिसर में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी।
इस दौरान कथित तौर पर बिजली गुल होने और इंटरनेट बंद होने को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों पर पत्थरबाजी के आरोप भी लगे थे।
प्रदर्शन
विरोध-प्रदर्शनों की वजह से चर्चा में रहता है JNU
इससे पहले 5 जनवरी, 2020 की रात JNU में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर 50 से ज्यादा नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया था। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 35 लोग जख्मी हुए थे।
पिछले साल रामनवमी पर विश्वविद्यालय में नॉनवेज खाने को लेकर भी दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी।
दिसंबर, 2022 में विश्वविद्यालय परिसर की एक इमारत पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए थे, जिसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।