वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर रहीं अंतरिम बजट, जानें क्या हो सकता है खास
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं। इसमें मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं।
अंतरिम बजट के प्रस्ताव को पूरे वित्त वर्ष 2024-25 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे संबंधित अधिकारियों ने कहा कि यह किसानों, महिलाओं, युवाओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे कमजोर समूहों पर ध्यान देने वाला एक गरीब समर्थक बजट होगा।
आइए जानते हैं किसे कितना आवंटन हो सकता है।
प्राथमिकता
इस बार बजट में सरकार की क्या होगी प्राथमिकता?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि भाजपा 2024-25 के लिए अंतरिम और पूर्ण बजट के बीच निरंतरता बनाए रखेगी क्योंकि उसे तीसरे कार्यकाल (2024-29) का भरोसा है।
इस बार सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्र कृषि, ग्रामीण विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अंतरिम बजट '2047 तक विकसित भारत' के मार्ग के रूप में पूर्ण बजट के अनुरूप होगा।
अनुमान
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान जारी रहने का अनुमान
अधिकारी ने कहा कि 2023-24 में विभिन्न मंत्रालयों के लिए जो आवंटन हुए थे, वह जारी रहेंगे।
पिछले साल के बजट में सड़क परिवहन और राजमार्गों के लिए 270 लाख करोड़, रेलवे के लिए 2.41 लाख करोड़, आवास के लिए 1.96 लाख करोड़, कृषि और किसान कल्याण के लिए 1.25 लाख करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये, जबकि रक्षा के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये मिले थे जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक थे।
राजकोषीय घाटा
राजकोषीय घाटे को अगले वित्तीय वर्ष में 5.3 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य
अधिकारी ने बताया कि सरकार ने 2025-26 वित्तीय वर्ष के अंत तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.5 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है, जो चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 5.90 प्रतिशत है।
बजट में 2024-25 में राजकोषीय घाटे को 5.3 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा जाएगा। राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम होकर 2024-25 में 5.2 प्रतिशत, 2025-26 में 4.5 प्रतिशत और 2026-27 में 4 प्रतिशत पर आ सकता है।
आयकर
आयकर छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद
आर्थिक विशेषज्ञों को इस बार आयकर छूट सीमा में वृद्धि, महिला उद्यमियों को समर्थन, दीर्घकालिक कराधान नीति और उपभोग तथा बचत को बढ़ावा दिए जाने की उम्मीद है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री सीतारमण पुराने कर नियम के तहत निचले स्तर पर कुछ अतिरिक्त छूट दे सकती हैं।
इसके अलावा अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 22-25 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
किसान
किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए क्या है उम्मीदें?
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ सकता है। इसके तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर 8,000-10,000 किया जा सकता है।
सरकार महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए कौशल विकास योजना ला सकती है। महिलाओं के लिए ब्याज रहित ऋण की घोषणा भी कर सकती है।
सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट और आत्मनिर्भर रोजगार योजना में विस्तार कर सकती है।
उम्मीदें
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग, चीनी कंपनियों को भी हैं उम्मीदें
इसके अलावा सरकार ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बढ़ावा देने से जुड़ी घोषणाएं भी कर सकती है।
चीनी बनाने वाली कंपनियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार उनकी मांगें पूरी कर सकती है। दरअसल, चीनी कंपनियां गन्ना जूस से तैयार होने वाले एथोनॉल की कीमत बढ़ाना चाहती हैं।
यह भी उम्मीद की जा रही है कि सरकार 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए कई चीजों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ा सकती है।