Page Loader
भारत 8वां सबसे प्रदूषित देश, दुनिया के शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में 39 भारतीय शहर- रिपोर्ट
भारत दुनिया का 8वां सबसे प्रदूषित देश है

भारत 8वां सबसे प्रदूषित देश, दुनिया के शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में 39 भारतीय शहर- रिपोर्ट

Mar 14, 2023
05:49 pm

क्या है खबर?

स्विस कंपनी आइक्यूएयर द्वारा वायु प्रदूषण पर जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2022 में दुनिया का 8वां सबसे प्रदूषित देश रहा। एक साल पहले भारत दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश था। रिपोर्ट में दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 39 शहर शामिल किए गए हैं, जबकि 100 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 65 भारतीय शहर हैं। पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है।

जानकारी

कैसे तैयार की गई है रिपोर्ट?

स्वीडन की कंपनी ने दुनिया के 131 देशों में स्थित 30,000 ग्राउंड बेस्ड मॉनिटर के साथ-साथ सरकारी और गैर-सरकारी डाटा की मदद से प्रदूषण की स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) के स्तर को केंद्र में रखा गया है।

सूची

दुनिया के सबसे प्रदूषित देश कौन से हैं?

आइक्यूएयरवर्ल्ड की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का सबसे प्रदूषित देश चाड है, जहां PM 2.5 का औसतन स्तर 89.7 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। 80.1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के साथ इराक दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश रहा। शीर्ष 10 प्रदूषित देशों की सूची में इसके बाद पाकिस्तान (70.9), बहरीन (66.6), बांग्लादेश (65.8), बुर्किना फासो (63.0), कुवैत (55.8), भारत (53.3), मिस्र (46.5)और तजाकिस्तान (46.0) का नंबर आता है।

सूची

शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में 6 भारतीय शहर

पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां PM 2.5 का स्तर 97.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर के बाद चीन का होटान (94.3) दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, वहीं तीसरे और चौथे नंबर पर भारत के भिवाड़ी और दिल्ली हैं। बता दें कि शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में भारत के दरभंगा, असोपुर, नई दिल्ली और पटना का नाम भी शामिल है।

कारण

भारत में वायु प्रदूषण के क्या हैं मुख्य कारण?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 150 अरब डॉलर (12.36 लाख करोड़ रुपये) की धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। भारत में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण परिवहन क्षेत्र है, जो कुल वायु प्रदूषण में करीब 20-35 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाता है। परिवहन क्षेत्र के अलावा विभिन्न उद्योग और कोयले के थर्मल पावर प्लांट भी प्रदूषण के लिए बड़े रूप में जिम्मेदार हैं।

रिपोर्ट

दक्षिण एशिया वायु प्रदूषण का केंद्र- विश्व बैंक

विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया को वायु प्रदूषण का केंद्र बताया है। विश्व बैंक ने कहा कि अगर दक्षिण एशियाई देश अलग-अलग प्रयास करते हैं तो PM 2.5 के 1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में कटौती करने के लिए 2.6 अरब डॉलर खर्च होंगे। हालांकि, यदि यह देश एक साथ मिलकर काम करते हैं तो लागत घटकर 27.8 करोड़ डॉलर रह जाएगी। बता दें कि दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में 72 शहर दक्षिण एशिया के हैं।