
गुजरात सचिवालय में रोजाना 7,000 प्लास्टिक की बोतलों का हो रहा उपयोग, अब पूरी तरह प्रतिबंधित
क्या है खबर?
गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित सचिवालय में हर दिन प्लास्टिक की 6,000 से 7,000 प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग हो रहा है, जिसे हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सचिवालय में 'प्लास्टिक मुक्त गुजरात' की दिशा में एक प्रयास किया गया है, जहां प्लास्टिक के बोतलों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इससे परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त रखने में मदद की जाएगी।
पर्यावरण
पानी की बोतल मुहैया कराएगा सखी मंडल
गुजरात के वन और पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल ने बताया कि इस काम को 'सखी नीर' के जरिए सफल बनाया जाएगा और देश में पहला प्लास्टिक मुक्त सचिवालय बनाएंगे। उन्होंने बताया कि सचिवालय में ही आंतरिक पुर्नउपयोग ग्लास वाटर बॉटलिंग संयंत्र और बोतल पुर्नउपयोग प्रणाली का उद्घाटन बुधवार को हुआ है। इस संयंत्र के जरिए सखी मंडल प्लास्टिक की जगह कांच की बोतल में पानी देंगा, जिसका नाम 'सखी नीर' होगा। संयंत्र का संचालन मां नर्मदा एकता महिला मंडल करेगी।
ट्विटर पोस्ट
संयंत्र का उद्घाटन करते गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
#WATCH | Gandhinagar: Gujarat CM Bhupendra Patel inaugurated the in-house reusable glass water bottling plant and bottle reuse system at the State Secretariat today.
— ANI (@ANI) July 2, 2025
Plastic water bottles will be replaced by glass bottles named “Sakhi Neer” in the Secretariat. The “Sakhi Neer”… pic.twitter.com/iGC8OtEgkD
जानकारी
हर घंटे में 500 बोतल भरकर दी जाएगी
उन्होंने बताया कि प्रति घंटा 500 बोतलें भरकर दी जाएगी। यह 24 घंटे भी आगे चलाया जाएगा। इसके बाद आसपास के निगम दफ्तर में भी प्लास्टिक बंद कर इस योजना को चलाया जाएगा। संयंत्र हर घंटे में 500 बोतल भर सकेगा।