आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आएंगे मास्क और हैंड सैनिटाइजर, सरकार ने जारी किया आदेश
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के दौरान बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल कर लिया था, लेकिन अब सरकार ने इन्हें फिर से इस श्रेणी से बाहर कर दिया है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। सरकार का मानना है कि अब देश में इनकी कोई कमी नहीं है।
कारण
मांग के अनुसार उपलब्धता होने पर किया निर्णय
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि पहले देश में मास्क और हैंड सैनिटाइज की बहुत कमी थी और दुकानदारों द्वारा लोगों से मनमानी कीमत वसूली जा रही थी।
इसके कारण इन्हें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल किया था, लेकिन अब देश में इनकी कोई कमी नहीं है। इनका उत्पादन करने वाली फर्मों के पास पर्याप्त स्टॉक है। ऐसे में अब इन्हें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी से हटाया जा रहा है।
शामिल
कीमत निर्धारित करने के लिए किया था आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल
कोरोना महामारी की शुरुआत में जब मास्क और हैंड सैनिटाइजर की अचानक मांग बढ़ी तो व्यापारियों ने इनकी कीमतें बढ़ा दी थी और कालाबाजारी करना शुरू कर दिया था। यहां तक कि अस्पतालों में भी इनकी कमी आने लग गई थी।
इसको लेकर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने इनकी उपलब्धता बढ़ाने, मूल्य निर्धारित करने और कालाबाजी रोकने के लिए 30 जून, 2020 तक इन्हें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने का आदेश दिया था।
कीमत
फिर से बढ़ेगी मास्क और हैंड सैनिटाइज की कीमत
मंत्रालय की ओर से मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी से हटाने के बाद अब उत्पादक और विक्रेता फिर से इनकी मनमानी कीमत वसूल सकेंगे।
इससे पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का उल्लंघन करने वालों को जुर्माने के साथ-साथ सात साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया था, लेकिन अब इनका स्टॉक करने, कालाबाजारी करने और मनमानी कीमत वसूलने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी।
जानकारी
दवाइयों की श्रेणी में आने वाले उत्पादों पर नहीं होगी छूट
हालांकि, मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में साफ किया गया है कि मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया जा रहा है, लेकिन जो उत्पाद दवाइयों की श्रेणी में रखे जाएंगे, उन पर यह छूट लागू नहीं होगी।