दिल्ली मेट्रो को मिला भारत में बना पहला चालक रहित ट्रेन सेट, क्या है खासियत?
दिल्ली मेट्रो को भारत में बना पहला चालक रहित तकनीक से लैस मेट्रोपोलिस मेट्रो ट्रेन सेट मिला है। यह ट्रेन सेट एक मूल उपकरण निर्माता (OEM) को आउटसोर्स की गई इसकी पहली परियोजना का हिस्सा है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बताया कि नए चरण के विस्तार के लिए ट्रेनों का पहला सेट आंध्र प्रदेश के श्री सिटी से रवाना हो गया है। ट्रेन 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत डिजाइन की गई है।
चालक रहित तकनीक से लैस
विकास कुमार ने बताया कि महानगर में चलने वाली इन ट्रेनों को श्री सिटी में एल्सटॉम की निर्माण इकाई में तैयार किया जा रहा है। इन्हें चालक रहित तकनीक यानी ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन (GOA)-4 से लैस किया गया है। यह DMRC द्वारा किसी OEM की ऐसी पहली आउटसोर्सिंग की गई है। इस परियोजना में 15 साल का रखरखाव शामिल है और इसकी लागत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है। आउटसोर्सिंग चौथे चरण की परियोजना के लिए 2022 में हुई थी।
क्या है चालक रहित ट्रेन की खासियत?
चालक रहित ट्रेन सेट को 85 किलोमीटर प्रति घंटे गति से चलाने और 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरक्षित रूप से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। ट्रेन सेट को दिल्ली की 3 लाइन पर चलाया जाएगा, जिसमें 2 विस्तारित लाइन और नई गोल्ड लाइन-10 शामिल है, जिसकी लंबाई 64.67 किलोमीटर है। प्रत्येक ट्रेन सेट में 6 डिब्बे होंगे। कुल 54 ट्रेन सेट की आपूर्ति की जाएगी।