महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
क्या है खबर?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है।
कोर्ट ने संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में महुआ की भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
इस याचिका में उन्होंने दुबे और देहाद्राई को इससे संबंधित कोई भी सामग्री बनाने, पोस्ट करने, प्रकाशित करने, अपलोड करने या वितरित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी।
सुरक्षित
कोर्ट ने दिसंबर में सुरक्षित रखा था फैसला
पिछले साल 20 दिसंबर कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अपनी याचिका में महुआ ने त्वरित राहत की मांग की थी।
हालांकि, न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मानहानि के मुकदमे में निशिकांत दुबे और देहाद्राई के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाली मोइत्रा की याचिका खारिज कर दी है।
वकील देहाद्राई ने महुआ की याचिका खारिज होने पर कहा, "मैं इसको लेकर कुछ खास उत्साहित नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि सही हुआ।"
कारण
महुआ ने क्यों दायर की थी याचिका?
दरअसल, संसद में रिश्वत लेकर सवाल पूछने से जुड़े आरोप सामने आने के बाद महुआ ने हाई कोर्ट में दुबे और देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इसमें उन्होंने मांग की थी कि देहाद्राई और दुबे को उनके खिलाफ आरोप लगाने से रोका जाए।
उन्होंने मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया के नाम भी याचिका में जोड़े थे, जो बाद में हटा दिए।
दुबे और देहाद्राई के वकीलों ने कोर्ट के समक्ष महुआ के खिलाफ सबूत पेश किए।
तर्क
दोनों पक्षों ने कोर्ट में क्या तर्क दिए?
दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के वकीलों ने कोर्ट में आचार समिति की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें जांच में दोषी पाया गया है। इसके बाद कोर्ट ने समिति की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।
दूसरी तरफ महुआ के वकील ने तर्क दिया था कि महुआ ने दोस्त के नाते कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लिए थे, न कि अडाणी समूह के खिलाफ सवाल पूछने के लिए।
दुबे और देहाद्रई
महुआ पर आरोप लगाने वाले निशिकांत दुबे और देहाद्रई कौन हैं?
दुबे भाजपा के लोकसभा सांसद हैं। वह झारखंड में गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। साल 2009, 2014 और 2019 में उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की थी।
दूसरी तरफ देहाद्राई को महुआ ने अपने एक पोस्ट में करीबी दोस्त बताया था। उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद ए बोबडे के नेतृत्व में क्लर्कशिप की थी।
वे 'टाइम्स ऑफ इंडिया' समूह के वाइस चेयरमैन समीर जैन के कानूनी सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं।
मामला
संसद में रिश्वत लेकर सवाल पूछने से जुड़ा पूरा मामला क्या है?
महुआ पर कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में अडाणी समूह से जुड़े सवाल पूछने का आरोप हैं।
इस संबंध में महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी-पासवर्ड देने की बात स्वीकारी थी, लेकिन रिश्वत लेने के आरोपों को खारिज किया था।
मामले में आचार समिति ने जांच की, जिसने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाते हुए महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। इसी आधार पर महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।