सनातन धर्म पर टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट की उदयनिधि को फटकार, कहा- आप आम आदमी नहीं
तमिलनाडु के मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्हें उनकी विवादास्पद "सनातन धर्म को खत्म करो" टिप्पणी को लेकर जमकर फटकार लगाई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने वाले स्टालिन की याचिका पर सुनवाई की और कहा कि वह अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप एक मंत्री हैं, कोई आम आदमी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा, "आपने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) (k) और अनुच्छेद 25 के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है। अब आप आप अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने आ गए?" कोर्ट ने आगे पूछा, "क्या आपको इसका अहसास नहीं था कि आपने ने जो कहा उसका परिणाम क्या होगा? आप एक मंत्री हैं, कोई आम आदमी नहीं हैं।"
उदयनिधि ने वकील ने क्या दलील दी?
उदयनिधि की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने कहा कि वह बयान को उचित नहीं बता रहे और केवल सभी FIR एक साथ करने की अपील कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें संबंधित हाई कोर्ट का रुख करने के लिए कहा। सिंघवी ने कहा, "मुझे 6 हाई कोर्ट में जाना पड़ेगा। मैं लगातार इस काम में उलझा रहूंगा। यह अभियोजन से पहले उत्पीड़न होगा।" सुप्रीम कोर्ट अब 15 मार्च को मामले में सुनवाई करेगा।
क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने 2 सितंबर को कहा था, "कुछ चीज़ों का विरोध नहीं कर सकते। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं। इन्हें खत्म करना होगा। इसी तरह सनातन धर्म को भी खत्म करना है।" इसके खिलाफ देशभर में रोष देखने को मिला था और उनके खिलाफ कई आपराधिक शिकायतें भी दर्ज की गईं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गईं।
सुप्रीम कोर्ट में उदयनिधि के खिलाफ दर्ज हैं कई याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ दिया और मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया। याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि उदयनिधि का बयान भड़काऊ भाषण है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
सनातन धर्म पर कई अन्य DMK नेता भी कर चुके हैं टिप्पणी
सनातन धर्म को लेकर DMK के कई नेता विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। DMK के ए राजा ने कहा था, "सनातन पर उदयनिधि ने जो बोला, वह काफी कम था। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू से इसकी तुलना की थी। ये ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें घिनौना नहीं कहा जाता। सनातन धर्म की सामाजिक कलंक वाली बीमारी उससे भी बड़ी है। अगर आपको इसको परिभाषित करना है तो सनातन की तुलना HIV और कुष्ठ रोग जैसे बीमारियों से की जानी चाहिए।"