भूकंप से निपटने को कितने मजबूत हैं घर? सिर्फ 14 प्रतिशत भारतीय सुरक्षा को लेकर आश्वस्त
क्या है खबर?
दिल्ली और आसपास के शहरों में सोमवार को आए 4.0 तीव्रता के भूकंप के बाद लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सहमे हुए हैं।
सबसे अधिक डर उन लोगों को लग रहा है, जो ऊंची-ऊंची बहुमंजिला इमारतों में रहते हैं।
लोकल सर्किल द्वारा भूकंप की स्थिति में नागरिकों की जागरूकता को लेकर एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई।
यह सर्वेक्षण देश के 178 जिलों में किया गया, जिसमें व्यक्तिों से 43,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं ली गई।
भूकंप
87 प्रतिशत ने कभी नहीं कराया सुरक्षा ऑडिट
सर्वेक्षण के दौरान 15,392 नागरिकों से उनके घर के भूकंपरोधी होने के बारे में पूछा गया, जिस पर 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि उन्होंने नहीं इसका ऑडिट नहीं कराया।
वहीं, सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने 3 साल में एक बार कराया है। हालांकि, उन्होंने इसे औपचारिकता बताया। दो प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने कई साल पहले यह कराया था।
चार प्रतिशत ऐसे लोग थे, जिनको इस विषय में कोई जानकारी ही नहीं थी।
सुरक्षा
सिर्फ 14 प्रतिशत घर की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त
सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि क्या उनका घर भूकंपरोधी है? इस पर सिर्फ 14 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनका घर भूकंपरोधी है।
वहीं, 40 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उनका घर भूकंपरोधी नहीं, जबकि 17 प्रतिशत ने बताया कि बिल्डर ने भूकंपरोधी होने का दावा किया है, लेकिन उनको ऐसा नहीं लगता।
कुछ नागरिकों का कहना है कि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है क्योंकि कुछ बिल्डर नगर निगमों और प्राधिकरणों से मिलीभगत कर लेते हैं।
सर्वे
नगर निगम नहीं कराता कोई ऑडिट
सर्वेक्षण के दौरान लोगों से पूछा गया कि उनके घरों का पिछला ऑडिट नगर निगमों के द्वारा कब कराया गया था, इस चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिले हैं।
इसमें 87 प्रतिशत ने बताया कि कोई ऑडिट नहीं कराया गया, जबकि 7 प्रतिशत का कहना है कि 3 साल पहले कराया गया था, लेकिन यह औपचारिकता भर था।
बता दें कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में आबादी का घनत्व सबसे अधिक है, जहां खतरा अधिक है।
सुरक्षा
भारत में पिछले 20 साल में आए 10 बड़े भूकंप
भारत में पिछले 20 साल में 10 बड़े भूकंप आए हैं, जिसमें 20,000 से ज़्यादा मौतें हुई हैं।
मौजूदा भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र (IS 1893: 2002) की मानें तो देश का 59 प्रतिशत से ज़्यादा भूभाग मध्यम से लेकर गंभीर भूकंपीय गतिविधि के जोखिम में है।
इस बीच राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने जोखिम को लेकर जनता को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है, दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र है, जिससे यहां छोटे-मोटे भूकंप आते हैं।