अरब सागर में चक्रवाती तूफान 'तेज' की दस्तक, कहां टकराएगा और क्या असर हो सकता है?
अरब सागर में चक्रवाती तूफान 'तेज' उठ रहा है और भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार ये भारत में भी दस्तक दे सकता है। इससे पहले इसी साल अरब सागर में बिपरजॉय नाम का चक्रवाती तूफान आया था, जिसने गुजरात समेत कई राज्यों में संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। आइए जानते हैं कि चक्रवात 'तेज' कब और कहां दस्तक देगा, इसका नाम कैसे रखा गया और इसका क्या असर हो सकता है।
21 अक्टूबर को गुजरात में दस्तक दे सकता है चक्रवात 'तेज'
IMD के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी और उससे लगते दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में एक कम दबाव वाले इलाके में दबाव बढ़ रहा है और ये 21 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। फिलहाल यह यमन-ओमान तट की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इस तूफान के गुजरात की ओर जाने की आशंका बन रही है। अगर ऐसा होता है तो अरब सागर में यह इस साल का दूसरा चक्रवात होगा, वहीं मानसून के बाद यह पहला चक्रवात होगा।
चक्रवात का भारत में और कहां असर पड़ सकता है?
IMD ने कहा कि इस चक्रवाती तूफान के ओमान के दक्षिणी तटों और पास के यमन की ओर बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन ये कभी भी पूर्वानुमान पथ से भटक सकता है। स्काईमेट वेदर के अनुसार, यदि ये अपने पथ से नहीं भटकता है तो भारत में इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों पर मौसम में थोड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
पाकिस्तान की तरफ भी जा सकता है तूफान
स्काईमेट वेदर के अनुसार, यदि चक्रवात पूर्वानुमान पथ से बदलता है तो पाकिस्तान और गुजरात तट का रुख कर सकता है, जिससे एक बार फिर से यहां संपत्ति का नुकसान देखने को मिल सकता है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 62-88 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। बता दें कि इस बार चक्रवाती तूफान का नाम रखने की बारी भारत की थी और उसने ही इसका नाम 'तेज' रखा है।
कैसे रखे जाते हैं चक्रवातों के नाम?
भारतीय हिन्द महासागर क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों का नाम रखने के लिए एक फॉर्मूला निर्धारित है। इस क्षेत्र के चक्रवातों के नाम 13 देशों द्वारा बारी-बारी से रखे जाते हैं। इनमें भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, सऊदी अरब, UAE और यमन हैं। 25 सालों तक के लिए चक्रवातों के नाम की सूची तैयार है और भारत की तरफ से प्रस्तावित तूफानों के नाम गति, तेज, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग हैं।
चक्रवात के लिए अक्टूबर से दिसंबर का समय अनुकूल
समुद्र का गर्म तापमान होने के कारण अक्टूबर और दिसंबर के बीच की अवधि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती परिसंचरण के अनुकूल होती है। 2022 में मानसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर में कोई चक्रवाती तूफान नहीं आया, जबकि बंगाल की खाड़ी में 2 चक्रवाती तूफान, सितारंग और मैंडौस, आए। फिलहाल वैज्ञानिक पूरे मामले पर काफी नजदीकी से नजर रख हुए हैं और तटीय क्षेत्र में चेतावनी जारी कर दी गई है।