उत्तर प्रदेश: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल; पुलिस पर पत्थरबाजी, वाहन फूंके
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया है। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा। मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों समेत 5 थाने के पुलिस बल को तैनात किया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है और पुलिस ने मौके से कुछ उपद्रवियों को हिरासत में भी लिया है।
कैसे हुआ बवाल?
दरअसल, कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंचे थे। आज दूसरी बार मस्जिद का सर्वे हो रहा था। टीम करीब साढ़े 7 बजे मस्जिद में दाखिल हुई थी। इस दौरान मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। अधिकारियों और मस्जिद के सदर ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया और वाहनों को आग लगा दी।
घटना पर पुलिस ने क्या कहा?
घटना पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने कहा, "कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। मौके पर पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में है, पुलिस पत्थरबाजों की पहचान कर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।" संभल SP ने कहा, "भीड़ में कुछ लोग अचानक पथराव करने लगे। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो पुलिस पर पथराव कर दिया।धारा-163 लगाई गई है।"
मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद हैं, वहां श्री हरिहर मंदिर था। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट में वाद दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर मस्जिद का सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। 19 नवंबर को पहला और आज दूसरा सर्वे हुआ। प्रशासन को 26 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट पेश करनी है। 29 नवंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी।
मुस्लिम पक्ष का क्या कहना है?
संभल जामा मस्जिद के वकील जफर अली के मुताबिक, "1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था। मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण हैं। किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई। हम अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे। जामा मस्जिद थी, जामा मस्जिद है और जामा मस्जिद ही रहेगी। मुकदमा मुस्लिम पक्ष जीतेगा, क्योंकि हमारे पास सारे साक्ष्य हैं। हिंदू पक्ष के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है।"